ऑलवेदर रोड पर मार्च आखिर तक रिपोर्ट दे देगी एचपीसी Uttarkashi News
चारधाम परियोजना (ऑलवेदर रोड) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी हाई पावर कमेटी (एचपीसी) अपनी फाइनल रिपोर्ट को तैयार करने में जुट गई है।
उत्तरकाशी, जेएनएन। चारधाम परियोजना (ऑलवेदर रोड) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी हाई पावर कमेटी (एचपीसी) अपनी फाइनल रिपोर्ट को तैयार करने में जुट गई है। यह रिपोर्ट मार्च अंतिम सप्ताह में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ) को सौंपी जाएगी। इसी के बाद उत्तरकाशी से भैरवघाटी के बीच ऑलवेदर का कार्य और अन्य क्षेत्रों में हुए पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई के लिए कवायद शुरू हो सकेगी।
बीते शुक्रवार को एमओईएफ के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित बैठक में उत्तरकाशी से भैरवघाटी के बीच ऑलवेदर रोड निर्माण पर चर्चा हुई। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सुक्की बाईपास के लिए दो सुझाव दिए। इसमें पहला सुझाव सुरंग निर्माण करना और दूसरा सुक्की गांव के नीचे नदी के किनारे-किनारे झाला तक सड़क बनाने का था। लेकिन, सुक्की निवासी मोहन सिंह राणा ने इन दोनों सुझाव का विरोध करते हुए कहा कि सुक्की ग्लेशियर के मलबे पर बसा हुआ है। ऐसे में सुरंग बनने पर पूरा गांव धराशायी हो जाएगा। उन्होंने डबराणी के निकट सोनगाड से लेकर सुक्की के बैंड नबंर चार तक बाईपास बनाने अथवा हाइवे को यथावत रखने की मांग उठाई।
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बैठक में गंगनानी और डबराणी के बीच हाइवे चौड़ीकरण पर भी चर्चा हुई। इस क्षेत्र को एचपीसी ने भी बेहद संवेदनशील माना। कहा कि अगर यहां पहाड़ी से अधिक छेड़छाड़ हुई तो बड़ा भूस्खलन जोन बन जाएगा। इससे भविष्य में पूरा क्षेत्र भी कट सकता है। बैठक में गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने सुक्की गांव को जोड़कर ऑलवेदर निर्माण की पैरवी की। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि अभी मार्च के प्रथम सप्ताह एचपीसी की स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक होनी है। मार्च अंतिम सप्ताह तक एचपीसी अपनी रिपोर्ट एमओईएफ को दे देगी। इसके बाद ही उत्तरकाशी से भैरवघाटी के बीच ईको सेंसटिव जोन क्षेत्र में ऑलवेदर रोड निर्माण का रास्ता साफ हो सकेगा।