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उत्तराखंड के इस आपदाग्रस्त गांव से नहीं हो पाया गर्भवती का हेली रेस्क्यू, मौसम बना बाधक

उत्तरकाशी जिले के आपदाग्रस्त आराकोट न्याय पंचायत में एक गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई। मौसम की खराबी की वजह से उसे हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 07:46 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 08:47 PM (IST)
उत्तराखंड के इस आपदाग्रस्त गांव से नहीं हो पाया गर्भवती का हेली रेस्क्यू, मौसम बना बाधक
उत्तराखंड के इस आपदाग्रस्त गांव से नहीं हो पाया गर्भवती का हेली रेस्क्यू, मौसम बना बाधक

उत्तरकाशी, जेएनएन। उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र आराकोट न्याय पंचायत में एक गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई। मौसम की खराबी की वजह से उसे हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका। अब शुक्रवार को फिर से हेली रेस्क्यू कर महिला को अस्पताल तक लाने का प्रयास किया जाएगा।

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दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब सवा दो सौ किलोमीटर दूर स्थित चिवां गांव में पांच दिन आपदा ने तबाही मचाई थी। यहां तक पहुंचने वाले सभी मोटर और पैदल मार्ग अवरुद्ध हैं। हालात ये बन गए थे कि आपदा के बाद रेस्क्यू टीमों को यहां तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। आपदा के 30 घंटे बाद यहां रेस्क्यू टीम को हेली ड्रॉप किया गया था।

इसी गांव के एक तोक में बुधवार रात एक गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई। सुबह तक इंतजार करने के बाद परिजनों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। इस पर गर्भवती को एयरलिफ्ट करने की योजना बनी। मोरी से वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने उसे लाने के लिए उड़ान भरी, लेकिन लैंडिंग की समस्या के चलते यह संभव नहीं हो पाया। इसके तय हुआ कि महिला को कुछ दूरी पर स्थित दूसरे गांव बलावट पहुंचाया जाएगा और वहां से उसे एयर लिफ्ट किया जाएगा। यहां हेलीकॉप्टर लैंडिंग संभावना को देखते हुए यह योजना बनी। 

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इस पर एसडीआरएफ की टीम ने महिला को बलावट स्थित राहत शिविर तक पहुंचाया, लेकिन दोपहर बाद मौसम की खराबी की वजह से मोरी से हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार बलावट गांव में महिला के रिश्तेदार भी रहते हैं, फिलहाल उसे उनके घर पर ठहराया गया है। शुक्रवार सुबह उसे एयर लिफ्ट करने के लिए फिर से प्रयास किया जाएगा। बताया गया कि गर्भवती की डिलीवरी तारीख नजदीक है।

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