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विदेशी होम स्टे में ठहरकर कर रहे हैं उत्तरकाशी दर्शन, पढ़िए पूरी खबर

उत्‍तरकाशी में होम स्टे में ठहर कर देशी-विदेशी पर्यटक पहाड़ी उत्पाद यहां की वेशभूषा और संस्कृति से परिचित हो रहे हैं।

By Edited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 04:23 PM (IST)
विदेशी होम स्टे में ठहरकर कर रहे हैं उत्तरकाशी दर्शन, पढ़िए पूरी खबर
विदेशी होम स्टे में ठहरकर कर रहे हैं उत्तरकाशी दर्शन, पढ़िए पूरी खबर

उत्‍तरकाशी, मनोज राणा। पहाड़ में स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के सरकारी दावे भले ही हवाई साबित हो रहे हों, लेकिन उत्तरकाशी जिले का एक युवक पूरे मनोयोग से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। वह बीते एक वर्ष से होम स्टे के जरिये पहाड़ी संस्कृति का संरक्षण तो कर ही रहा है, स्थानीय स्तर पर रोजगार जुटाकर पलायन रोकने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। वह होम स्टे में ठहरने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को पहाड़ी उत्पाद, यहां की वेशभूषा और संस्कृति से भी परिचित करा रहा है। 

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भटवाड़ी ब्लॉक के ग्राम गंगोरी निवासी अखिल पंत ने बीएड के साथ ही कंप्यूटर ट्रेनिंग एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन में डिप्लोमा लिया है, लेकिन ध्येय हमेशा संस्कृति का संरक्षण एवं पलायन को रोकना रहा। इसमें उनका मार्गदर्शक बना कनाडा का एक पर्यटक। वर्ष 2017 में कनाडा का पर्यटक गुस्तैब गंगोरी क्षेत्र के भ्रमण पर आया था।

इसी बीच अचानक उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया। तब अखिल ने गुस्तैब की काफी मदद की। स्वस्थ होने के बाद कनाडा लौटकर गुस्तैब ने उन्हें सोशल मीडिया के जरिये क्षेत्र में होम स्टे संचालित करने की सलाह दी। यह बात अखिल को जंच गई और उन्होंने गंगोरी में अपना पांच कमरों वाला होम स्टे तैयार कर दिया। 

अखिल ने बताया कि गुस्तैब की मदद से सबसे पहले उनके होम स्टे में रूस की पर्यटक लायामाती आई। जो करीब एक महीने यहां रही। इसके बाद उन्होंने एयर-बीएनबी की वेबसाइट पर होम स्टे का पंजीकरण कराया। जिससे विदेशी पर्यटकों की बुकिंग मिलने लगी। बताया कि अभी तक उनके होम स्टे में जर्मनी, अमेरिका, यूक्रेन, बुल्गारिया, जापान और इजरायल के पर्यटक ठहर चुके हैं।

पर्यटकों को परोसते हैं सिर्फ पहाड़ी भोजन

होम स्टे में देशी-विदेशी पर्यटकों को केवल पहाड़ी भोजन ही परोसा जाता है। इसमें झंगोरे की खीर, मंडुवे की रोटी समेत विभिन्न व्यंजन शामिल हैं। अखिल बताते हैं कि वह पर्यटकों को पहाड़ के इतिहास, वेशभूषा, व्यंजन, तीज-त्योहार, धार्मिक स्थल, गीत-नृत्य आदि की विस्तृत जानकारी देते हैं। इसके पीछे उनका ध्येय अपनी संस्कृति का प्रसार करना है।

विदेशी पर्यटक बंटाते हैं हाथ

अखिल ने बताया कि होम स्टे में ठहरने वाले विदेशी पर्यटक स्थानीय कार्यों में भी उनका हाथ बंटाते हैं। वह बागवानी के साथ ही निराई, गुड़ाई, मंडाई आदि कार्यों में भी रुचि लेते हैं। 

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स्थानीय लोगों को मिल रहा रोजगार

होम स्टे में ठहरने वाले विदेशी पर्यटक शहद की चाय बेहद पसंद करते हैं। इसके लिए अखिल बार्सू के जगमोहन रावत से शहद और स्थानीय काश्तकारों से झंगोरा, मंडुवा, आलू, सब्जी आदि की खरीद करते हैं। 

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