पांच अभियुक्तों को पांच-पांच वर्ष की कठोर कारावास
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार की अदालत ने दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले पांच अभियुक्तों को पांच-पांच साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही पांचों अभियुक्तों पर पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार की अदालत ने दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले पांच अभियुक्तों को पांच-पांच साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही पांचों अभियुक्तों पर पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।
यह मामला 11 नवंबर 2014 का है। अभियुक्तों ने दिल्ली पुलिस में 315 कांस्टेबल पदों पर भर्ती के लिए मनेरा स्टेडियम में आयोजन किया था। भर्ती में टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी से युवा पहुंचे थे। कई युवाओं से आरोपितों ने पैसे भी वसूले। लेकिन, जब उत्तरकाशी पुलिस को फर्जी भर्ती होने की आशंका हुई तो पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना राबिन खान सहित पांच को गिरफ्तार किया। साथ ही दिल्ली पुलिस में भर्ती के नाम पर ठगी करने वालों पर उत्तरकाशी पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। इस गिरोह के सदस्य अपने को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बता रहे थे तथा तत्कालीन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भी गुमराह किया था।
शुक्रवार को इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार की अदालत ने राबिन खान निवासी लिलोन, शामली उत्तर प्रदेश, अजय कुमार निवासी लिलोन, शामली उत्तर प्रदेश, नरेश कुमार निवासी अमनपुरी नांगलोई दिल्ली, राजकुमार निवासी श्याम नगर ओखला दिल्ली, रहीस अहमद मंजीद नांगलोई दिल्ली निवासी को दोषी पाते हुए पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। सहायक अभियोजन अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को छह माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। अज्ञात महिला का शव मिला
श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर से देहलचौरी रोड पर जनासू गांव के समीप अलकनंदा नदी में एक अज्ञात महिला का शव मिला। जल पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने शव को नदी से बाहर निकाला। महिला का शव काफी सड़ी गली अवस्था में था।
कोतवाल हरिओम राज चौहान ने कहा कि लगभग 40 से 45 वर्ष आयु की महिला के शव को शिनाख्त के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया है। इस संबंध में अन्य जनपद की पुलिस को भी सूचित किया गया है। शव इतनी सड़ी गली अवस्था में है कि उसका चेहरा भी पहचान में नहीं आ रहा है। (जासं)