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आपदा राहत कार्य में लगा हेलीकॉप्टर फिर तार से उलझा, नदी में करनी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग

आपदा राहत कार्य में लगे एक हेलीकॉप्टर को अचानक इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। गनीमत रही कि लैंडिंग के दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 02:51 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 07:39 AM (IST)
आपदा राहत कार्य में लगा हेलीकॉप्टर फिर तार से उलझा, नदी में करनी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग
आपदा राहत कार्य में लगा हेलीकॉप्टर फिर तार से उलझा, नदी में करनी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग

उत्तरकाशी, जेएनएन। आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों में जुटा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बचा। बागीचों से सेब की पेटियों को सड़क तक पहुंचाने के लिए लगाई गई ट्रॉली की तार से टकराने के कारण हेलीकॉप्टर का संतुलन बिगड़ गया। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए पास की एक बरसाती नदी में इमरजेंसी लैंडिंग कराई। पायलट और तकनीकी सहायक को हल्की चोटें आई हैं। हेलीकॉप्टर भी क्षतिग्रस्त हुआ है। तीन दिन के अंतराल में यह दूसरी घटना है। इससे पहले बुधवार को राहत कार्य में जुटा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, इसमें पायलट समेत तीन की मौत हो गई थी। 

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आपदा प्रभावित आराकोट न्याय पंचायत के गांवों में इन दिनों हेली रेस्क्यू चल रहा है। वायुसेना के साथ ही निजी हेलीकॉप्टरों से यहां गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। सड़कें टूटी होने के कारण गावों तक राशन व अन्य सामान पहुंचाना संभव नहीं होने के चलते हेलीकॉप्टरों को इस्तेमाल में लाया जा रहा है। शुक्रवार दोपहर आराकोट से आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने दोपहर करीब दो बजे चिवां गांव में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरी। लेकिन, टिकोची और आराकोट के बीच नगवाड़ा में हेलीकॉप्टर का एक हिस्सा वहां लगी ट्रॉली के तार से टकराया गया। इसकी वजह से उसका  संतुलन बिगड़ गया। 

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पायलट ने तत्परता दिखाते हुए हेलीकॉप्टर को नगवाड़ा में बरसाती नदी में बोल्डरों (पत्थरों) पर उतार दिया। इस तरह बड़ा हादसा होने से टल गया, लेकिन हेलीकाप्टर का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर में  पायलट सुशांत जीना निवासी जबलपुर, मध्य प्रदेश और तकनीकी सहायक अजीत सिंह, निवासी हरियाणा सवार थे। इमरजेंसी लैंडिंग के वक्त पायलट को हल्की चोटें आई हैं। स्थानीय लोगों ने पायलट और तकनीकी सहायक को हेलीकॉप्टर को बाहर निकाला। पायलट को पैदल मार्ग से छह किलोमीटर दूर आराकोट पहुंचाया गया।  वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हेली के जरिये देहरादून भेज दिया गया। बताया गया कि जिस स्थिति में इमरजेंसी लैंडिंग हुई है, उसे देखते हुए इस हेलीकॉप्टर के नदी किनारे से उड़ान भरने की संभावना ना के बराबर है।

गौरतलब है कि तीन रोज पहले मोल्डी गांव में राहत सामग्री लेकर गया एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर इसी तरह की ट्रॉली की तारों में उलझने के बाद पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया था। उसमें सवार पायलट, को-पायलट और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद उस दिन हेली रेस्क्यू रोक दिया गया था, लेकिन प्रभावित गांवों की दुरुह स्थितियों को देखते हुए वीरवार से हेली राहत फिर से शुरू कर दी गई थी।

हेलीकॉप्टर का तीसरा फेरा था

आर्यन कंपनी का यह हेलीकॉप्टर सुबह से ही राहत कार्यों में जुटा था। चिवां गांव के लिए उड़ान भरने से पहले वह दो अन्य प्रभावित गांवों डगोली और माकुडी में राशन व अन्य सामग्री पहुंचा चुका था। यह उसका तीसरा फेरा था।

दो गर्भवती एयर लिफ्ट

शुक्रवार को दो गर्भवती महिलाओं को एयर लिफ्ट करके देहरादून स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें मोंडा गांव निवासी रेखा रानी पत्नी ओम प्रकाश और साकन्नी निवासी प्रतिमा पत्नी मनोज को प्रसव पीड़ा के चलते रेस्क्यू किया गया। प्रतिमा को एक रोज पहले भी हेली रेस्क्यू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन हेलीकॉप्टर की लैंडिंग नहीं हो पाई थी। 

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