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Coronavirus: पहली पांत के पहले सेनापति हैं डॉ. सुबेग सिंह, दिनरात कर रहे हैं सेवा

डॉ. सुबेग सिंह उत्तरकाशी जिला अस्पताल के अकेले फिजिशियन हैं जो कोरोना के खिलाफ जंग में पहली पांत के सेनापति हैं। इसके लिए वह दिन-रात मरीजों के उपचार के लिए मौजूद हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 10:47 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 10:47 AM (IST)
Coronavirus: पहली पांत के पहले सेनापति हैं डॉ. सुबेग सिंह, दिनरात कर रहे हैं सेवा
Coronavirus: पहली पांत के पहले सेनापति हैं डॉ. सुबेग सिंह, दिनरात कर रहे हैं सेवा

उत्तरकाशी, जेएनएन। डॉ. सुबेग सिंह उत्तरकाशी जिला अस्पताल के अकेले फिजिशियन हैं, जो कोरोना के खिलाफ जंग में पहली पांत के सेनापति हैं। इसके लिए वह दिन-रात मरीजों के उपचार के लिए मौजूद हैं। कोरोना संदिग्धों की जांच, काउंसिलिंग का पूरा जिम्मा डॉ. सुबेग के पास है। यही नहीं अस्पताल में आने वाले मरीजों की जांच के अलावा कोरोना को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों के परीक्षण की जिम्मेदारी भी है।

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हरिद्वार ज्वालापुर गुरुद्वारा निवासी डॉ. सुबेग सिंह की तैनाती उत्तरकाशी में इसी वर्ष जनवरी में हुई। वैसे भी अस्पतालों में फिजिशियन के पास सबसे अधिक मरीजों की संख्या होती है। कोरोना संक्रमण की जांच और नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भी उत्तरकाशी में डॉ. सुबेग के पास है। मरीजों को देखने के लिए मध्य रात्रि हो या फिर लंच का समय डॉ. सुबेग हर समय उपलब्ध हैं। हर दिन सुबह सबसे पहले अस्पताल में वह अपने वार्ड में पहुंचते हैं।

लॉकडाउन के बाद भी दूर-दूर से आए करीब 35 से अधिक मरीजों को देखते हैं। फिर अस्पताल के आइसोलेशन में भर्ती संदिग्ध लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचते हैं। साथ में उन्हें काउंसिलिंग भी देते हैं, जिससे भर्ती संदिग्ध आइसोलेशन की गंभीरता को समझें।

इसके बाद दोपहर का भोजन वह खुद तैयार करते हैं। फिर शाम को अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना संक्रमण बचाव की ट्रेनिंग, संदिग्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देना उनकी दिनचर्या है। हर दिन होने वाली जरूरी बैठकों में शामिल होना। शाम के समय तक अस्पताल की इमरजेंसी में आए मरीजों को देखते हैं। शाम के समय साढ़े छह बजे आइसोलेशन में भर्ती संदिग्धों की स्वास्थ्य जांच भी करते हैं।

डॉ. सुबेग कहते हैं कि उनकी कोई भी निश्चित दिनचर्या नहीं है। बुधवार की रात को दस बजे भोजन कर रहे थे। तभी फोन आया कि गंभीर मरीज आया है। वे तत्काल मरीज को देखने पहुंचे। फिर रात तीन बजे फोन आया कि एक गंभीर मरीज अस्पताल में आया है, तो वे उपचार देने को फिर से अस्पताल पहुंचे। सुबह चार बजे एक और मरीज आया है, जिसे उपचार देने को वे तत्काल अस्पताल आए। फिर गुरुवार की सुबह नौ बजे स्वास्थ्य कर्मियों को अन्य चिकित्सकों के साथ जरूरी ट्रेनिंग दी।

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इस समय जहां समूचा देश कोरोना से खिलाफ जंग लड़ रहा है। वहीं, डॉ. सुबेग सिंह भी अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। उनके सेवा कार्यों को देखते हुए आसपास के क्षेत्र के गंभीर बीमार भी भी बेधड़क अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए इस चिकित्सक के पास पर्याप्त समय है। 

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