Move to Jagran APP

Coronavirus: संक्रमण की परवाह किए बगैर कोरोना से जंग में जुटी ये महिला चिकित्सक

सीमांत जनपद उत्तरकाशी में कोरोना के खिलाफ जंग में माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना मोहन भी मोर्चे पर है। कोरोना संदिग्धों के सेंपल लेने में उन्हें भी संक्रमण का खतरा बना रहता है।

By Edited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 01:15 PM (IST)
Coronavirus: संक्रमण की परवाह किए बगैर कोरोना से जंग में जुटी ये महिला चिकित्सक
Coronavirus: संक्रमण की परवाह किए बगैर कोरोना से जंग में जुटी ये महिला चिकित्सक

उत्तरकाशी, जेएनएन। वैश्विक महामारी घोषित हो चुकी कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए चिकित्सक सबसे आगे मोर्चा संभाले हुए हैं। जिनके बूते इस जंग को जीता जा सकता है। सीमांत जनपद उत्तरकाशी में कोरोना के खिलाफ जंग में माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना मोहन भी मोर्चे पर है। उत्तरकाशी में सभी कोरोना संदिग्धों के सैंपल लेने और उन्हें लैब तक भेजने की जिम्मेदारी डॉ. अर्चना मोहन की है। 

loksabha election banner

शनिवार तक उत्तरकाशी से 24 संदिग्धों के सैंपल लिए जा चुके हैं। जिनमें 19 की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। डॉ. अर्चना मोहन उत्तरकाशी जिला अस्पताल में अक्टूबर 2018 से है। देहरादून सहस्त्रधारा रोड निवासी डॉ. अर्चना मोहन की उत्तरकाशी में कोरोना संक्रमण के संदिग्धों के सैंपल लेने, सैंपल लेने से पहले संदिग्धों को समझाने और सैंपल लैब तक भेजने की जिम्मेदारी है। 

डॉ. अर्चना मोहन कहती हैं कि शनिवार तक उन्होंने 24 संदिग्धों के सैंपल ले लिए हैं। सैंपल लेते समय मरीज की अक्सर छींक और खांसी आती है। ऐसे में उससे भी खुद को बचाना है। कई मरीज जो ऐसे भी होते हैं जो समझाने के बाद भी सहयोग नहीं करते हैं। उनमें सैंपल लेने में काफी समय लगता है। 

डॉ. अर्चना मोहन कहती हैं कि मरीजों को खाना देना है, दवाई देनी है या फिर कुछ और चीज देनी है। वह तो दूरी बनाकर दी जा सकती है। परंतु सैंपल देने का कार्य दूरी बनाकर नहीं किया जा सकता है। इस लिहाज से इसमें सबसे अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। वे कहती हैं कि चार माह पहले उनकी शादी हुई है। 

यह भी पढ़ें: Coronavirus: पहली पांत के पहले सेनापति हैं डॉ. सुबेग सिंह, दिनरात कर रहे हैं सेवा

उनके पति बोकारो इस्पात संयंत्र में इंजीनियर हैं। वे इन दिनों बोकारो में ही हैं। लेकिन, परिवार के अन्य सदस्य मेरे काम से काफी चिंतित रहते हैं तथा नौकरी छोड़कर वापस घर लौटने को कहते हैं। इसलिए घरवालों को भी समझाना होता है। अगर सभी काम छोड़ देंगे तो कोरोना जैसी आपदा से लड़ने के लिए काम कौन करेगा। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।

यह भी पढ़ें: Coronavirus: कोरोना से जंग की खातिर पुलिस ने परिवार से बना ली दूरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.