जिपं एक्ट के अनुरूप होगी अनियमितताओं की जांच
जिला पंचायत उत्तरकाशी में अब पंचायती राज जांच नियमावली के अनुरूप ही होगी।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला पंचायत उत्तरकाशी में अब पंचायती राज जांच नियमावली के अनुरूप वित्तीय अनियमितताओं की फिर से जांच शुरू हो गई है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से वित्तीय वर्ष 2019 से अभी तक राज्य वित्त व अन्य मदों में कराए गए निर्माण कार्यो से संबंधित दस्तावेज, कैश बुक और मस्ट्रोल तलब किए हैं। जांच पूरी कर 15 दिनों के अंतराल शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
उत्तरकाशी जिला पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जिला पंचायत सदस्यों ने शासन को पत्र लिखा था। जिसमें कुछ सदस्यों ने मजिस्ट्रेटी व एसआइटी जांच की मांग की थी। पंचायतीराज विभाग के प्रभारी सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने 22 दिसंबर को जिला पंचायत में अनियमितताओं की शिकायत पर जांच के आदेश जारी किए। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को प्रक्रिया के अनुसार प्रकरण की प्रारंभिक जांच करने के लिए नियुक्त किया। शासन के आदेश पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बीते गुरुवार से जांच शुरू कर दी है।
पूर्व में जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत की शिकायत पर दो नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गढ़वाल मंडल आयुक्त को जांच करने के निर्देश दिए थे। आयुक्त के निर्देश पर जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने जांच की और जांच आख्या शासन को सौंपी। इसी बीच जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने हाईकोर्ट में रिट दायर की। जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा। जांच प्रक्रिया पंचायतराज जांच नियमावली 1997 के अनुरूप न होने के कारण सरकार को कोर्ट के आदेश पर आयुक्त को सौंपी गई जांच वापस लेने का हलफनामा दाखिल करना पड़ा।