रक्षा मंत्रालय ने कर्नल अजय कोठियाल की इस अर्जी को दी मंजूरी, जानिए
रक्षा मंत्रालय ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के मुखिया रहे कर्नल अजय कोठियाल के वीआरएस को मंजूरी दे दी है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: केदारनाथ धाम को संवारने में अहम भूमिका निभाने वाले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के मुखिया रहे कर्नल अजय कोठियाल की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की अर्जी को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस आशय का पत्र निम के कार्यालय को भी मिल चुका है। सो, अब कर्नल कोठियाल 4 सितंबर 2018 से पूर्व कभी भी सेवानिवृत्ति ले सकते हैं।
प्रधानाचार्य के पद से कर्नल कोठियाल पहले ही मुक्त हो चुके हैं, लेकिन फिलहाल संस्थान में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि कर्नल कोठियाल अपनी अगली पारी सियासत की पिच पर खेल सकते हैं। हालांकि, कर्नल कोठियाल का कहना है कि फिलहाल उनका फोकस यूथ फाउंडेशन, केदारनाथ पुनर्निर्माण और सामाजिक सरोकारों पर रहेगा। इसके अलावा वे उत्तरकाशी से ही जुड़े रहेंगे। सियासत में नई पारी शुरू करने संबंधी सवाल पर उनका कहना था कि समाज की उन्नति के लिए जो भी उचित होगा, उसके लिए वे तैयार हैं।
7 दिसंबर 1992 को सेना ज्वाइन करने वाले कर्नल कोठियाल 26 अप्रैल 2013 से लेकर 26 अप्रैल 2018 तक निम के प्रधानाचार्य रहे। इस पद से रिलीव होने के बाद फिलहाल वे निम में ही सेवा दे रहे हैं। अप्रैल में प्रधानाचार्य का पद छोडऩे से पहले उन्होंने वीआरएस के लिए रक्षा मंत्रालय को अर्जी भेजी थी। निम के प्रभारी रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि कर्नल कोठियाल के वीआरएस से संबंधित अनुमति पत्र रक्षा मंत्रालय से प्राप्त हो गया है।
पुनर्निर्माण कार्यों में सराहनीय योगदान
कर्नल कोठियाल का केदारपुरी के पुनर्निर्माण में सराहनीय योगदान रहा है। जून 2013 में आई आपदा के बाद केदारपुरी को संवारने में निम की टीम कर्नल कोठियाल की अगुआई में मिशन की तरह जुटी रही। इसके साथ ही पहाड़ के युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने के लिए कर्नल कोठियाल की प्रेरणा से यूथ फाउंडेशन का गठन हुआ। जिससे प्रशिक्षण लेकर अब तक राज्य के सैकड़ों युवा सेना में भर्ती हो चुके हैं।
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