छोटी काशी में सड़कों पर राष्ट्र माता
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : विधानसभा में गो माता को राष्ट्रीय माता घोषित करने का संकल्प प्रस्ताव
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : विधानसभा में गो माता को राष्ट्रीय माता घोषित करने का संकल्प प्रस्ताव पारित हो गया है। संकल्प पारित होने के बाद गो भक्तों ने खुशी व्यक्त कर एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया, लेकिन जिस माता के नाम पर इतनी राजनीति चल रही है, उसी की स्थिति दयनीय है। आज भी जिले में गोमाता निराश्रित घूम रही है। जानवर क्षेत्र में निराश्रित न घूमे, इसके लिए जिला प्रशासन ने भी नगर पालिका को निर्देशित कर निराश्रित जानवरों पर टैग लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन पालिका प्रशासन ने भी जिलाधिकारी के निर्देश को एक कान से सुनने के बाद दूसरे कान से निकाल दिया। आलम यह है कि जिस गो माता को राष्ट्रीय माता घोषित करने का संकल्प पारित हो रहा है, वही माता जिले में दर-दर भटक रही है।
नगर पालिका बाड़ाहाट ने जिला मुख्यालय में घूम रहे निराश्रित जानवरों को आश्रय देने के लिए गोफियारा में लाखों की लागत से एक कांजी हाउस का निर्माण किया था। खानापूर्ति के लिए पालिका प्रशासन ने क्षेत्र में घूम रहे एक दो निराश्रित जानवरों को पकड़कर वहां बांधकर इतिश्री कर दी। यही नहीं, सड़क, गालियां, मैदान और मुख्य बाजार में निराश्रित जानवर न घूमे, इसके लिए जिला प्रशासन ने नगरपालिका को इन जानवरों में टैग लगाने के सख्त निर्देश दिए थे। लेकिन कई माह बीत गए हैं, पालिका प्रशासन जिलाधिकारी के निर्देशों को ठेंगा दिखा रही है, जिसके कारण आज भी जगह-जगह निराश्रित जानवर घूम रहे हैं।
हैरत की बात है कि सीमांत जिले से गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने के लिए कई बार आंदोलन किए गए थे। गाय के नाम पर कई लोगों ने आयोजित गो-कथाओं में गो संरक्षण का संकल्प लिया था। बावजूद इसके निराश्रित जानवर पॉलीथीन और कचरा खाने को मजबूर हैं। गंदगी खाने के बाद जो जानवर मर रहे हैं, उन्हें पालिका के कर्मचारी तेखला गदेरे में फेंकरहे हैं, जो सीधा भागीरथी नदी में प्रवाहित हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गो माता के नाम पर जिले में केवल राजनीति ही चल रही है। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी सुशील कुमार कुरील ने बताया कि कांजी हाउस में निराश्रित जानवरों को रखा जा रहा है। जल्द ही निराश्रित जानवरों पर टैग लगाने की प्रक्रिया की जाएगी।