coronavirus: अपनी ही राह में खुद चुनौती बन रहा है सिस्टम, पढ़िए पूरी खबर
कोरोना से पार पाना सिर्फ स्वास्थ्य महकमे का काम नहीं रह गया है। बल्कि पूरे तंत्र की एक साथ मिलकर मुकाबला करने की जरूरत है।
उत्तरकाशी, जेएनएन। वैश्विक आपदा घोषित हो चुकी कोरोना से पार पाना सिर्फ स्वास्थ्य महकमे का काम नहीं रह गया है। बल्कि पूरे तंत्र की एक साथ मिलकर मुकाबला करने की जरूरत है। परंतु, सिस्टम में आपसी समन्वय अभी तक सही तरीके से स्थापित नहीं हो पा रहा है। इसके कारण खुद सिस्टम अपनी राह में चुनौती बन रहा है। उत्तरकाशी में प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों के बीच समन्वय में कमी के कई मामले सामने आए हैं।
उत्तरकाशी में बीते सोमवार को जब एक संदिग्ध पर्यटक को एम्स में रेफर किया। वार रूम से कंट्रोल रूम और कंट्रोल रूम से वरिष्ठ अधिकारियों तक सूचना समय से नहीं मिल पायी। सोमवार की शाम को जब पर्यटक दल उत्तरकाशी से रवाना होकर धरासू पहुंचा, तब जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को किसी तरह इसकी जानकारी मिली। जिलाधिकारी ने तत्काल दल का वापस बुलाया। सभी पर्यटकों को स्वास्थ्य जांच हुई। तब मंगलवार को पर्यटक दल को होम क्वारंटाइन की शर्त पर जाने दिया। इसके अलावा जिला अस्पताल में बीते सोमवार को विभिन्न बीमारियों के भर्ती मरीजों को रिलीव किया। आपसी समन्वय न होने के कारण इस तरह के मरीज अपने घरों को जाने के लिए भटक रहे हैं।
मरीजों और उनके तीमारदारों को घर जाने के लिए वाहन की अनुमति नहीं मिल रही है। इसी तरह जनपद में पुरोला, नौगांव, बड़कोट और उत्तरकाशी आवश्यक दुकानों को खुलने अलग-अलग समय तय किया गया था। अलग-अलग समय तय होने से कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती थी। भले ही बीते सोमवार की शाम को मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश के लिए समय तय किया। इसके बाद मंगलवार को एक ही समय पर आवश्यक सामग्री की दुकानें खुली।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सूचना फिजीशियन के माध्यम वार रूम को दी जाती है। वार रूम से सूचना कंट्रोल रूम में आती हैं। सूचनाओं को समय पर देने के निर्देश कंट्रोल रूम और वार रूम के प्रभारियों को दिए गए।
मुंबई के एक पर्यटक पर कोरोना जैसे लक्षण, एम्स रेफर किया
असी गंगा घाटी आए एक 24 सदस्यीय पर्यटक दल में एक सदस्य पर कोरोना के लक्षण पाए गए, जिसके बाद उसे एम्स रेफर कर दिया गया। इनमें अन्य पर्यटकों को दो बार थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद छोड़ा गया और उन्हें घर में ही क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिए गए।
बीती 13 मार्च को 24 सदस्यों का पर्यटक दल उत्तरकाशी पहुंचा था। सोमवार को जब मुंबई के एक पर्यटक को सांस लेने में परेशानी हुई तो अन्य पर्यटकों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने पर्यटक की जांच की तो उसमें कोरोना जैसे लक्षण पाए गए। इस पर पर्यटक को सीधे एम्स रेफर किया गया, जबकि अन्य पर्यटकों ने अपने को स्वस्थ बताकर सीधे देहरादून के लिए निकल पड़े। सोमवार की शाम को जिलाधिकारी को इसका पता चला तो उन्होंने सभी पर्यटकों को वापस बुलाया। सभी 23 पर्यटकों को डॉ. सुबेग सिंह और डॉ. सुजाता ने दो बार थर्मल स्क्रीनिंग की, जिसके बाद मंगलवार दोपहर को इन पर्यटकों को जाने दिया। लेकिन, इन सभी को होम क्वारंटाइन के निर्देश दिए गए।
बेस में बना स्क्रीनिंग सेंटर काउंटर
बेस अस्पताल श्रीकोट में आने वाले रोगियों को पहले अस्पताल के मुख्य गेट के पास बनाए गए स्क्रीनिंग सेंटर काउंटर पर पहुंचकर रोग के बारे में बताना है। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने को लेकर बनाई इस ओपीडी में मौजूद डाक्टर संबंधित रोगी से उसकी केस हिस्ट्री और उसके निवास स्थान तथा अन्य जानकारियां लेने के बाद ही उसे अस्पताल में इलाज के लिए आने देते हैं। इस ओपीडी में आने वाले रोगियों के मध्य लगभग एक मीटर की पर्याप्त दूरी भी रखी जाती है। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने को लेकर बेस अस्पताल प्रशासन ने यह व्यवस्था की हुई है।
पौड़ी जिला अस्पताल में दो कोरोना संदिग्ध भर्ती
पौड़ी जिला अस्पताल में दो लोगों को भर्ती कराया है। पूर्व से भर्ती तीन लोगों को जीएमवीएन गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया जा रहा है। वहीं कोटद्वार से एक और श्रीनगर से दो लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। जिला चिकित्सालय प्रशासन को पांच ऐसे लोगों की सूची भी उपलब्ध कराई है, जो कोरोना पॉजीटिव के संपर्क में थे। जिला चिकित्सालय प्रशासन का कहना है कि इन सभी को क्वारंटाइन किया जाएगा। जिला चिकित्सालय में कोरोना संदिग्धों का आना जारी है। मंगलवार को यहां दो संदिग्ध भर्ती किए हैं। इनमें एक महिला और एक पुरुष है।
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बताया जा रहा है कि पुरुष कुछ दिन पूर्व आस्ट्रेलिया से लौटा है, जबकि एक अन्य ब्लॉक की महिला गांव से बाहर नहीं गई है। जिला चिकित्सालय प्रशासन का कहना है कि दोनों को बुखार की शिकायत है। जल्द ही इनके सैंपल लिए जाएंगे। कोरोना सेल के नोडल अधिकारी डॉ. आशीष गुसाई ने बताया कि कोटद्वार में भर्ती एक संदिग्ध व श्रीकोट बेस अस्पताल में भर्ती दो संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। जिला चिकित्सालय में जो पहले से भर्ती थे उनमें से तीन को जीएमवीएन गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया जा रहा है।
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