छड़ी यात्रा ने किए यमुनोत्री धाम में दर्शन
श्रीपंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा हरिद्वार से चली पवित्र छड़ी यात्रा शनिवार को यमुनोत्री धाम पहुंची।
संवाद सूत्र, बड़कोट (उत्तरकाशी): श्रीपंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा हरिद्वार से चली पवित्र छड़ी यात्रा शनिवार को यमुनोत्री धाम पहुंची। यात्री दल में 26 संतों समेत कुल 32 सदस्य शामिल हैं। यह दल शुक्रवार देर शाम बड़कोट पहुंचा था। उप जिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चौहान ने बताया कि आज छड़ी यात्रा गंगोत्री धाम पहुंचेगी।
हरिद्वार स्थितमाया देवी मंदिर से बीते 17 सितंबर को शुरू हुई छड़ी यात्रा शनिवार सुबह बड़कोट से जानकीचट्टी पहुंची। यहां से सभापति महंत प्रेम गिरि महाराज और संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज की अगुआई में यात्रा यमुनोत्री धाम के लिए आगे बढ़ी। जानकीचट्टी से डेढ़ किमी यमुनोत्री की ओर पैदल मार्ग 11 सितंबर को हुए भारी भूस्खलन के कारण ऋषि गंगा के पास बंद पड़ा है। सो, छड़ी यात्रा निर्माणीधीन वैकल्पिक पैदल मार्ग से आगे बढ़ी। यात्रा दल को आगे बढ़ाने में पुलिस और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने मदद की। यमुनोत्री पहुंचने पर यात्रा दल ने देवी यमुना की पूजा-अर्चना की। इसके बाद दल यमुनोत्री से वापस लौट आया।
छड़ी यात्रा वैदिक परंपरा को कायम रखने के उद्देश्य से हर साल चारों धाम का भ्रमण करती है। छड़ी यात्रा में चार मढि़यों के श्रीमहंत शिवदत्त गिरि, श्रीमहंत पुष्कर गिरि, श्रीमहंत केदार पुरी, श्रीमहंत मोहन भारती आदि शामिल हैं। यात्रा में शामिल श्रीमहंत महादेवानंद गिरि ने बताया कि देश में दशनामियों की कुल 52 मढि़यां हैं। इन्हीं में से चार मढि़यों से श्रीमहंत यात्रा दल में शामिल हैं। यह यात्रा बागेश्वर के श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े से संचालित होती थी। बताया कि यात्रा यमुनोत्री से गंगोत्री, देवप्रयाग, पौड़ी, सीतामढ़ी, कोटेश्वर, केदारनाथ, त्रियुगीनारायण, गुप्तकाशी, तुंगनाथ, चमोली, बदरीनाथ आदि स्थानों से होकर गुजरेगी।