बर्फबारी के बीच बौखनाग में उत्सव की बेला
बौखनाग मेला के अंतिम दिन बर्फ के बीच भारी संख्या में दर्शक जुटे।
संवाद सूत्र, नौगांव : बौखनाग मेला के अंतिम दिन बर्फ के बीच भारी संख्या में दर्शक जुटे। स्थानीयजन ने देव डोलियों के साथ अपनी संस्कृति की आकर्षक प्रस्तुति दी। बर्फबारी और ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं में भारी उत्साह दिखा। बौखनाग में 23 नवंबर से यज्ञ पाठ और पूजन का कार्यक्रम शुरू हो गया था।
बुधवार रात और गुरुवार को बौखनाग का तीसरे वर्ष होने वाला भव्य पारंपरिक मेला आयोजित हुआ, जिसमें बुधवार की रात भर जागर के जरिये पूजा-अर्चना की। गुरुवार की सुबह बर्फबारी के बीच इस मेले में बड़कोट, मुंगरसति समेत दशगी और बणगांव सहित 22 गांवों के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कड़ाके की ठंड में ग्रामीणों का उत्साह कम नहीं हुआ। प्रकृति प्रेमियों ने बर्फबारी का जमकर आनंद उठाया। बर्फ की चादर में ही ग्रामीणों ने बौखनाग देवता के गीतों पर लोकनृत्य किया। साथ ही बौखनाग देवता की पूजा-अर्चना की और खुशहाली के लिए मन्नतें मांगी। मेले देवता के पश्वा संजय डोभाल ने सभी को अपना आशीर्वाद दिया तथा क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की। इस मौके पर उपस्थित मीना बिष्ट, दीपिका, आरती नेगी, असमिता अग्रवाल आदि ने बताया कि उनके इष्ट देव बाबा बौखनाग आमजन की मुरादें पूरी करते हैं। इसलिए हर तीसरे वर्ष वे इस मेले में आते हैं। इस बार बर्फबारी ने कुछ मुश्किलें तो पैदा की हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। बौखनाग की थात में नृत्य और देवी डोली के साथ पारंपरिक नृत्य करने का अपना आनंद है। इस मौके पर बौखनाग समिति के अध्यक्ष चंद्र मोहन सिंह पंवार, सचिव सुरेश रमोला, सूरत सिंह पंवार, जवाहर सिंह, केदार चौहान आदि मौजूद थे।