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बीआरओ का कीर्तिमान : सीमा की अग्रिम चौकियों को सड़क से जोड़ा

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने उत्तरकाशी और चमोली जनपद में चीन सीमा तक सड़क पहुंचा दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 03:00 AM (IST)
बीआरओ का कीर्तिमान : सीमा की अग्रिम चौकियों को सड़क से जोड़ा
बीआरओ का कीर्तिमान : सीमा की अग्रिम चौकियों को सड़क से जोड़ा

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने उत्तरकाशी और चमोली जनपद में चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकियों को सड़क सुविधा से जोड़ दिया है। सीमा को जोड़ने वाली पक्की सड़कें, मजबूत पुल सेना के साथ-साथ गढ़वाल के आमजन की आवाजाही के लिए मुफीद बन रहे हैं। आपदाओं के दौर में भी बीआरओ ने युद्ध स्तर पर सड़क और पुलों का निर्माण किया है, जो सेना के साथ-साथ गढ़वाल के पांच जनपदों के आमजन और चारधाम के यात्रियों के लिए भी सुखद बना है।

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गढ़वाल में सीमा सड़क संगठन के पास दो प्रमुख राजमार्ग हैं। इनमें ऋषिकेश से बदरीनाथ राजमार्ग के अलावा चीन सीमा पर स्थित माणा पास, नीती पास को जोड़ने वाली सड़क है, जबकि दूसरा राजमार्ग मार्ग ऋषिकेश से गंगोत्री धाम के अलावा भैरवघाटी से चीन सीमा पर स्थित नेलांग, सुमला, मेंडी, जादूंग, नीला पानी सहित अंतिम चौकियों को जोड़ने वाली सड़क है। उत्तरकाशी जनपद की सीमा पर बीआरओ ने पक्की और चौड़ी सड़कें बना दी हैं। यहां माइनस डिग्री तापमान पर बीआरओ ने कोल्ड मिक्स की पद्धति अपनायी है। यहां बीआरओ ने सीमा पर कई पुल बनाकर राष्ट्र को समर्पित कर दिए हैं। इन्हीं पुलों में चीन सीमा पर स्थित नेलांग चौकी से नागा को जोड़ने वाला एक पुल है। इसके अलावा भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले गंगोत्री राजमार्ग पर जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से पांच किमी दूर गंगोरी के पास बेली ब्रिज के स्थान पर देश का पहला न्यू जनरेशन ब्रिज भी बीआरओ ने तैयार किया है। यह पुल असी गंगा नदी पर 70 टन भार क्षमता का है।

चमोली जनपद में स्थित चीन सीमा को जोड़ने वाले बदरीनाथ मार्ग पर भी बीआरओ युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। यहां बीआरओ ने अंतिम चौकियों तक सड़क पहुंचा दी है। इससे सीमा तक पहुंचने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सेना की राह आसान हुई है।

गढ़वाल में आयी आपदाओं में भी बीआरओ की भूमिका राहत बचाव करने वाली प्रमुख रेस्क्यू टीम में रही है। बीआरओ ने कम समय बेली ब्रिज तैयार किए हैं। 2012 और 2013 की आपदा में बीआरओ ने उत्तरकाशी में वैकल्पिक मार्ग बनाने के साथ बॉर्डर रोड को भी सुचारू किया है। गत फरवरी माह में चमोली जनपद में आयी आपदा के दौरान भी रैणी के पास बीआरओ के जवानों ने बहुत कम समय में बेली ब्रिज तैयार किया है। 36-बॉर्डर रोड टास्क फोर्स (बीआरटीएफ) के कमांडर विनोद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बॉर्डर रोड को हर समय सुचारू रखने की जिम्मेदारी के साथ बीआरओ ऑलवेदर के निर्माण को भी करवा रही है। जिससे सीमाओं और गढ़वाल के पांच जनपदों को जोड़ने वाली सड़क अच्छी, सुलभ और सुरक्षित हो गई है।


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