Move to Jagran APP

बाड़ाहाट में अलाव जलने का इंतजार

बीते दो दिन से बाड़ाहाट में बादल छाए हैं। इससे सीमांत क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश के आसार बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 09:53 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 09:53 PM (IST)
बाड़ाहाट में अलाव जलने का इंतजार
बाड़ाहाट में अलाव जलने का इंतजार

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: बीते दो दिन से बाड़ाहाट में बादल छाए हैं। इससे सीमांत क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश के आसार बने हुए हैं। बीते सप्ताह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण जिले में शीतलहर चल रही है। कड़ाके की ठंड से नगरपालिका बाड़ाहाट में बेघर और निराश्रित लोग, फक्कड़ बाबा, खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं। उधर गंगोत्री धाम में बर्फबारी से संचार सुविधा ठप है। वहां रह रहे गंगोत्री नेशनल पार्क के व अन्य कर्मचारी बर्फ पिघलाकर पानी पी रहे हैं।

loksabha election banner

बाड़ाहाट में ठंड से बचने के लिए पालिका की ओर से दो दिन अलाव की व्यवस्था की, लेकिन उसके बाद अलाव भी नहीं जलाए जा रहे हैं। जनपद के अन्य नगर निकायों की भी यही स्थिति है। पालिका प्रशासन की ओर से बेघरों के लिए समुचित व्यवस्थाएं नहीं होने से बेसहारा और असहाय व्यक्ति कड़ाके की ठंड से ठिठुर रहे हैं। पालिका व प्रशासन ने ठंड से बचने के लिए अलाव और रेनबसेरों की व्यवस्था करती है। इसके लिए पालिका प्रशासन की ओर मुख्य बाजार के हनुमान चौक, बस अड्डा, विश्वनाथ चौक, केदारघाट समेत कई क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था की जाती है। जिले में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक पालिका प्रशासन की ओर से बीते सप्ताह कुछ स्थानों पर दो दिन अलाव की व्यवस्था की गई, लेकिन उसके बाद पालिका के अलाव गायब हो गए। पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि वन निगम का बीते वर्ष का भुगतान कर दिया गया है। अब नियमित रूप से अलाव के लिए लकड़ी मिलनी शुरू हो जाएगी। रेनबसेरे की व्यवस्था पालिका के पास नहीं हैं।

इन कर्मियों की भी है शीत साधना

उत्तरकाशी : गंगोत्री धाम में साधु संतों के अलावा गंगोत्री मंदिर के पुजारी, गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मी और पुलिस कर्मी भी रह रहे हैं। इन दिनों गंगोत्री में रहना किसी शीत साधना से कम नहीं है। गंगोत्री में अधिकतम तापमान माइनस में है। गंगोत्री नेशनल पार्क के वन दारोगा राजवीर सिंह रावत ने बताया कि गंगोत्री धाम में दिन भर अलाव जलाकर ठंड से बचना पड़ रहा है। पानी का इंतजाम भी बर्फ पिघलाकर करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी ये है कि गंगोत्री धाम में संचार की सुविधा नहीं है। मोबाइल कंपनियों ने अपने मोबाइल टावर बंद किए हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.