सभी स्कूलों में होगी गढ़वाली में प्रार्थना
लोकभाषा और संस्कृति को प्रोत्साहन करने के लिए सीमांत जनपद में स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत नये नये प्रयोग किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: लोकभाषा और संस्कृति को प्रोत्साहन करने के लिए सीमांत जनपद में नवाचारी समग्र शिक्षा के तहत कई प्रयोग किए जा रहे हैं, जो विलुप्त हो रही स्थानीय बोली के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसी प्रयोग के तहत जनपद के कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए गढ़वाली में प्रार्थना तैयार की गई है। सत्र शुरू होते ही हर शनिवार को अनिवार्य रूप से हर विद्यालय में गढ़वाली में प्रार्थना होगी। इसके लिए मुख्य शिक्षाधिकारी की ओर से आदेश जारी किए हैं। वैसे स्कूल प्रशासन अन्य स्कूल दिवसों पर भी प्रार्थना को शामिल कर सकते हैं। यह प्रार्थना 6 मिनट की है। इसे लोक गायक एवं नवाचारी समग्र शिक्षा उत्तरकाशी के जिला समन्वयक ओम बधानी ने लिखा और गाकर यूट्यूब पर भी साझा किया है।
गढ़वाली लोक बोली को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा विभाग कई प्रयोग कर रहा है। इन्हीं प्रयोगों में गढ़वाली में प्रार्थना शामिल की गई है। लोक गायक एवं नवाचारी समग्र शिक्षा उत्तरकाशी के जिला समन्वयक ओम बधानी ने कहा कि गढ़वाली में प्रार्थना तैयार की है तथा पत्रकार स्व. सुरेंद्र पुरी को समर्पित की है। उनके साथी सुरेंद्र पुरी ने कुछ वर्ष पहले सुदूरवर्ती गांव पिलंग के लोगों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही गढ़वाली में प्रार्थना तैयार की जाएगी। सुरेंद्र पुरी से प्रेरित होकर उन्होंने गढ़वाली में प्रार्थना लिखी, उसे कंपोज किया और उत्तरकाशी में ही रिकॉर्ड कराया। बीते बुधवार को जिला शिक्षा कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उसका विमोचन किया गया। विधायक गोपाल रावत और जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने लोक भाषा के विकास के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना की है। जिला शिक्षाधिकारी बेसिक जितेंद्र सक्सेना ने कहा कि कक्षा एक से 12 तक के विद्यालयों में हर शनिवार को गढ़वाली में प्रार्थना होगी। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इस प्रार्थना में नशा मुक्ति, क्षीण होते संस्कार को बचाने और देश व समाज के लिए समर्पित होने का आह्वान मां सरस्वती से किया गया है।