चीन सीमा के पास यह हवाई पट्टी, वायु सेना ने किया परीक्षण
वायु सेना ने उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का निरीक्षण किया गया। दिसंबर में वायुसेना के अधिकारियों ने इसे आपात स्थिति के लिए दुरुस्त बताया था।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: डोकलाम विवाद के बाद वायुसेना उत्तराखंड पर विशेष फोकस कर रही है। देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर सुखोई से अभ्यास करने के साथ ही उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का भी निरीक्षण किया गया। दिसंबर में वायुसेना के अधिकारियों ने चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का निरीक्षण कर इसे आपात स्थिति के लिए दुरुस्त बताया था।
सोमवार को वायुसेना के बरेली विंग का 12 सदस्यीय पायलेट दल मालवाहक विमान एएन-32 से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचा। रनवे का परीक्षण करने के लिए विमान ने आसमान में चक्कर लगाने के बाद दो बार लैंडिंग की। हवाई पट्टी का निर्माण कर रही एजेंसी उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर घनश्याम सिंह ने बताया कि पायलेट दल ने हवाई पट्टी को लेकर संतोष जताया और सुझाव दिया कि इसके आखिरी छोर को पांच सौ मीटर और बढ़ाया जाए।
प्रोजेक्ट मैनेजर घनश्याम सिंह के मुताबिक वायुसेना का दल यहां करीब एक सप्ताह तक अभ्यास करेगा। उधर, देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर भी वायुसेना के सुखोई विमान ने लैंडिंग का अभ्यास किया। गौरतलब है कि 15 फरवरी से वायुसेना यहां अभ्यास कर रही है।
150 किमी की हवाई दूरी पर है चीन सीमा
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से चीन सीमा करीब 150 किलोमीटर की हवाई दूरी पर है। वर्ष 2013 में आपदा के दौरान यहां सीजे-हरक्यूलिस विमान उतरा था, लेकिन उसके बाद इस हवाई पट्टी पर कोई गतिविधि नहीं हुई। डोकलाम विवाद के बाद वायु सेना ने हवाई पट्टी का निरीक्षण शुरू किया। वर्ष 2017 के अगस्त व सितंबर में वायु सेना ने तीन बार हवाई पट्टी का निरीक्षण किया था। दिसंबर 2017 में भी वायु सेना ने एक दिन एएन 32 मालवाहक विमान की लैंडिंग की थी।
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