Move to Jagran APP

बच्चे की तर्जनी उंगली को बनाया अंगूठा

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के हड्डी रोग विभाग

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 07:26 PM (IST)
बच्चे की तर्जनी उंगली 
को बनाया अंगूठा
बच्चे की तर्जनी उंगली को बनाया अंगूठा

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

loksabha election banner

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों की टीम ने एक चार वर्षीय बच्चे की तर्जनी उंगली का जटिल ऑपरेशन कर अंगूठा बनाने में सफलता प्राप्त की है। इससे पूर्व बच्चे के हाथ में महज चार अंगुलियां थी। इस ऑपरेशन के बाद अब बच्चा अपने अंगूठे का उपयोग कर हाथ से भी काम कर सकेगा।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने सफलता पूर्वक जटिल सर्जरी के लिए चिकित्सकीय दल की सराहना की है। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि संस्थान मरीजों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रयास है कि मरीजों को एम्स ऋषिकेश में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें व उन्हें उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। एम्स के अस्थि रोग विभाग के सहायक आचार्य व हाथ के विशेषज्ञ सर्जन डॉ. विवेक ¨सह ने विभागाध्यक्ष प्रो. शोभा एस. अरोड़ा के मार्गदर्शन में हाथ के अंगूठे से संबंधित जटिलतम सर्जरी करने में सफलता प्राप्त की है। टीम ने एनिस्थिसिया विभाग के सहयोग से चार साल के बच्चे की तर्जनी उंगली की जटिल सर्जरी कर उसे अंगूठे में परिवर्तित कर हाथ की विकलांगता को समाप्त कर दिया। उन्होंने बताया कि बहुत से बच्चे जन्म से ही अंगूठा व बाजू की एक हड्डी से विहीन पैदा होते हैं। जिसके चलते उन्हें सामान्य रूप से दैनिक कार्यो मसलन लिखने, भोजन आदि में दिव्यांगता की स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सामान्यत: व्यक्तियों के कार्य करने में 70 प्रतिशत तक अंगूठे का योगदान होता है। उन्होंने बताया कि यह अत्यधिक नाजुक व जटिल शल्य क्रिया है,जिसे निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत के सफल निर्देशन में एम्स ऋषिकेश में मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑपरेशन थियेटर की वजह से इस प्रकार की जटिल सर्जरी एम्स में संभव हो पाई है। चिकित्सकीय दल में डा. विवेक ¨सह के अलावा डॉ. सितांशु बारिक, डॉ. सोविक पॉल, एनिस्थिसिया विभाग की ओर से अपर आचार्य डॉ. अजय कुमार आदि शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.