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कड़ाके की ठंड में भी गंगोत्री धाम में 25 साधुओं सहित 55 लोग कर रहे हैं निवास

उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री क्षेत्र में इन दिनों साधना करने वाले 25 साधुओं समेत 55 लोग निवास कर रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 07:14 PM (IST)
कड़ाके की ठंड में भी गंगोत्री धाम में 25 साधुओं सहित 55 लोग कर रहे हैं निवास
कड़ाके की ठंड में भी गंगोत्री धाम में 25 साधुओं सहित 55 लोग कर रहे हैं निवास

उत्तरकाशी, जेएनएन। पहाड़ों में बर्फबारी होने पर पर्यटक बर्फबारी का आनंद लेने पहुंचते हैं और कुछ समय बाद वापस लौट आते हैं। पर यहां कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो पहाड़ों में शीतकाल में भी तैनात रहते हैं। वहीं, धामों में कुछ साधु साधना करते रहते हैं। गंगोत्री क्षेत्र में इन दिनों साधना करने वाले 25 साधुओं समेत 55 लोग निवास कर रहे हैं। बिना किसी संसाधन के यहां रहकर योग, ध्यान और साधना करने वाले लोगों की दिनचर्या सामान्य लोगों से बिल्कुल अलग है।

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समुद्र तल से 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री धाम में प्रति वर्ष शीतकाल के दौरान साधु साधना करने के लिए आते हैं। शीतकाल में बर्फबारी के कारण गंगोत्री धाम अलग-थलग पड़ा जाता है। भागीरथी के तट से लेकर गगन चूमती चोटियों तक सिर्फ बर्फ की सफेद चादर ही नजर आती है। इन दिनों यहां अधिकतम तापमान भी माइनस के करीब है। यहां रहने वाली साध्वी धनिष्ठानंद गिरी कहती हैं कि सुबह सबसे पहला काम बर्फ को पिघलाकर पीने के लिए पानी तैयार करने का होता है। आश्रम के अंदर बर्तनों में रखा पानी भी ठंड से जम जाता है। फिर पूरी तरह से धूप खिलने तक स्नान ध्यान की क्रिया होती है। फिर एक दूसरे की कुटिया में साधु एकत्र होते हैं। आध्यात्म के अलग-अलग बिंदुओं पर लंबी चर्चा होती है। 

साधु भागीरथी गिरी कहते हैं कि धूप सेकने के लिए गंगोत्री से एक किलोमीटर भैरव घाटी की ओर पकोडिया नाले के पास आते हैं। इसके अलावा यहां तैनात पुलिस कर्मी और पार्क कर्मी भी दिन में एक-दो बार गश्त कर, किताबें आदि पढ़कर समय बीताते हैं। गंगोत्री नेशनल पार्क में तैनात पार्क कर्मी राजवीर रावत कहते हैं कि बिना बिजली, संचार गंगोत्री में रहना बड़ा मुश्किल है। अगर टहलना भी है तो बर्फ में कितना टहलें। 

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इनके अलावा पिछले आठ सालों से गंगोत्री में रह रहे 74 वर्षीय नरगिरी की अपनी अलग ही दिनचर्या है। नर गिरी ने छह कुत्ते पाले हुए हैं, वे उन्हीं के साथ टहलते हैं। ये कुत्ते उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए रखे हुए हैं। बताया कि दो वर्ष पहले किसी ने रात में उन पर हमला कर दिया था। उन्होंने किसी तरह से अपनी जान बचाई। हमला करने वाले का तो पता नहीं चल पाया, लेकिन, नर गिरी ने अपनी सुरक्षा के लिए छह कुत्ते पाले हैं। 

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