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फिताड़ी गांव में आकाशीय बिजली गिरने से 40 मवेशियों की मौत

जागरण टीम, गढ़वाल: पहाड़ में लगातार जारी बारिश का दौर सोमवार को कहर बनकर बरपा। एक ओर जहां रुद्रप्रयाग

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 10:28 PM (IST)
फिताड़ी गांव में आकाशीय बिजली गिरने से 40 मवेशियों की मौत
फिताड़ी गांव में आकाशीय बिजली गिरने से 40 मवेशियों की मौत

जागरण टीम, गढ़वाल: पहाड़ में लगातार जारी बारिश का दौर सोमवार को कहर बनकर बरपा। एक ओर जहां रुद्रप्रयाग जिले के नरकोटा में बादल फटने से 12 घरों में मलबा घुस गया। वहीं अतिवृष्टि से एक बोलेरो और बाइक भी हाईवे के किनारे धस कर खाई में जा गिरी। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। उधर, उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के फिताड़ी गाव के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से 40 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। वहीं चिन्यालीसौड़ के कुमराणा और बल्डोगी गाव में भी अतिवृष्टि से ग्रामीणों के घरों की दीवार, आगन और गोशाला बह गए। एसडीआरएफ और पुलिस टीम मौके पर रवाना कर दी गई है। इसके साथ ही चमोली जिले के घाट विकासखंड के भेटी गांव में रविवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से एक गोशाला में बंधे पांच मवेशियों की मौत हो गई, जबकि दो मकानों को क्षति पहुंची है।

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रुद्रप्रयाग जिले में सोमवार को लगभग चार बजकर 35 मिनट पर श्रीनगर की ओर बदरीनाथ हाईवे के पास स्थित नरकोटा गांव के ठीक ऊपर सैड बस्ती में बादल फटने से गांव में 12 घरों में मलबा घुस गया। बताया गया कि मलबा दो धाराओं में आया। एक धारा गांव में घुसी, जबकि दूसरी गांव से 20 मीटर दूर बही। आपदा प्रभावित कुशलनंद जोशी ने बताया कि मलबा उनके घर के अंदर तक घुस गया है। बादल फटने की आवाज आते ही उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली थी। नरकोटा के सुरेंद्र जोशी के मकान को भी आपदा में नुकसान पहुंचा है। सुरेंद्र बताते हैं, रात को आपदा आने पर जनहानि हो सकती थी। खांकरा और फतेहपुर गांव में भी अतिवृष्टि से एक ढाबे के ऊपर मलबा आने से दब गया, जबकि कृषि भूमि को भी भारी नुकसान पहुंचा है। भरदार क्षेत्र के कोटली गांव में भी अतिवृष्टि से कई घरों में मलबा घुस गया है। गांव के खेत-खलिहान और पैदल रास्ते तबाह हो गए हैं। स्थानीय ग्रामीण राहत-बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

बदरीनाथ हाईवे बंद

अतिवृष्टि से नरकोटा और खांकरा के बीच कई स्थानों पर मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे हाईवे बंद हो गया है। वहीं हाईवे पर एक बोलेरो के ऊपर मलबा गिरने से वह खाई में जा गिरी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह ने बताया कि कोई भी जनहानि नहीं हुई है। जैसे ही घटना की सूचना मिली, डीडीआरएफ, आपदा प्रबंधन व पुलिस मौके पर आकर राहत-बचाव कार्य में जुट गई थी। खांकरा-कांडई मोटर मार्ग भी अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हो गया है।

पांच मवेशियों की मौत

चमोली: चमोली जिले के घाट विकासखंड के भेटी गांव में रविवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से एक गोशला में बंधे पांच मवेशियों की मौत हो गई, जबकि दो मकानों को क्षति पहुंची है। ग्राम प्रधान मनीषा कठैत ने बताया कि गांव के अव्वल सिंह फरस्वाण की गोशाला में बंधे दो बैल, दो भैंस और एक गाय की मौत हो गई, जबकि पूरण सिंह व विक्रम सिंह के भवन को क्षति पहुंची है। बताया कि घटना की सूचना राजस्व विभाग को दे दी गई है। उन्होंने प्रशासन से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

एक मकान जमीदोज, चार को आंशिक नुकसान

उत्तरकाशी: चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा और बल्डोगी गांव के पास बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। कुमराड़ा गांव में एक मकान पूरी तरह जमीदोज हो गया, जिसमें दो भैंस और एक बकरी की मौत हो गई। वहीं चार मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और खेतों को भी भारी नुकसान हुआ। सूचना पर उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में एसडीआरएफ, पुलिस व राजस्व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। वहीं मोरी के फिताड़ी के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से करीब 40 भेड़ बकरियों की मौत हुई है।

सोमवार दोपहर बाद जनपद उत्तरकाशी में मौसम ने करवट ली और घने बादल छाए। शाम करीब तीन बजे के करीब चिन्यालीसौड़ और डुंडा ब्लॉक क्षेत्र में मूसलाधार बारिश शुरू हुई। चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा गांव के निकट चुल्याणी तोक के आसपास शाम चार बजे से लेकर साढ़े चार बजे के बीच भारी बारिश हुई, जिसका उफान कुमराड़ा गांव में पहुंचा। मलबा और पानी ग्रामीणों के घरों के अंदर घुसने से अफरा-तफरी मची। जान बचाने के लिए ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। ग्राम प्रधान विनोद पुरसोढ़ा ने बताया कि गांव में घर के आंगन, शौचालय, रास्ते, विद्युत लाइन, पेयजल संयोजन ध्वस्त हो गए हैं। कुमराड़ा के क्षेत्र पंचायत सदस्य सुनील कुमार का मकान जमीदोज होने के कारण उनकी दो भैंस और एक बकरी दबकर मर गई। गांव के पूर्ण सिंह, लाखीराम, अतर सिंह राणा, चंदन सिंह पंवार के मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि, वीर सिंह पंवार, पुलम सिंह पंवार, रोशन लाल, बैसाखू राणा के मकान खतरे की जद में हैं। कुमराड़ा गांव के हरि सिंह पंवार ने बताया कि उनके आंगन में दस बोरी गेहूं थी, जो उफान में बह गई। वहीं कुमराड़ा, बल्डोगी, उडारीगाड क्षेत्र में खेतों को भी नुकसान पहुंचा है। उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने ग्रामीणों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। साथ ही राजस्व उपनिरीक्षक बल्डोगी को क्षति के आकलन के निर्देश दिए हैं।


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