शिविर में 211 दिव्यांगों के बने प्रमाण पत्र
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : राजकीय कीर्ति इंटर कॉलेज परिसर में जिला प्रशासन के सहयोग से समाज कल्याण वि
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : राजकीय कीर्ति इंटर कॉलेज परिसर में जिला प्रशासन के सहयोग से समाज कल्याण विभाग ने मानसिक दिव्यांग शिविर का आयोजन किया। एक दिवसीय शिविर में 297 मानसिक दिव्यांगों का पंजीकरण किया गया। जिसमें पंजीकरण अधिक होने से शिविर की समयावधि मंगलवार को भी बढ़ा दी गई। मंगलवार को शिविर में 106 दिव्यांगों के प्रमाणपत्र बनाए गए। बीते सोमवार को 105 दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनाए गए थे। शिविर में कुल 211 दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बने। जिला समाज कल्याण अधिकारी जीत ¨सह रावत ने बताया कि शिविर में 297 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया था। जिसमें 211 लोग पात्र मिले।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के निर्देश पर सोमवार को मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों व व्यक्तियों के लिए शिविर लगाया गया था। शिविर में जिले के मोरी, पुरोला, नौगांव, चिन्यालीसौड़, डुण्डा और भटवाड़ी ब्लॉक के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से लोग मानसिक दिव्यांगों को लेकर पहुंचे। शिविर में मानसिक रूप से दिव्यांगों की जांच करने के लिए देहरादून से चिकित्सक आए थे।
अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा मानसिक दिव्यांग शिविर
उत्तरकाशी : राजकीय कीर्ति इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित दिव्यांग शिविर, जिला प्रशासन की अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा। शिविर में सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए हुए लोगों के लिए न ही ठहरने की व्यवस्था हुई और न ही भोजन की। लोगों को दूसरे दिन भी मात्र दोपहर में दाल, चावल खाकर पूरा दिन गुजारना पड़ा। कंड़ाके की ठंड से बचने के लिए प्रशासन की ओर से लोगों के लिए चाय की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई, डुण्डा ब्लॉक के पटारा गांव से आए हुए वयोवृद्ध बचन ¨सह ने बताया कि वह शिविर में बीते सोमवार को अपनी बेटी मीरा को लेकर बेटी का प्रमाण पत्र बनाने आए थे। रात में ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें बाजार में किराए पर होटल लेकर रात गुजारनी पड़ी। उधर डुण्डा ब्लॉक के हिटाणु भालसी निवासी नगटा ने बताया कि वह अपने बेटे बीजपाल का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने आए हैं, जिला प्रशासन की ओर से ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से उन्हें किराए में होटल लेकर रात गुजारनी पड़ी। साथ ही होटल में खाना खाकर उन्हें अपना पेट भरना पड़ा।
जिला समाज कल्याण अधिकारी जीत ¨सह रावत ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि शिविर में आए हुए लोग अपनी इच्छानुसार होटल में कमरे लेकर ठहरे थे, रात्रि विश्राम के लिए शिविर में आए हुए लोगों के लिए स्थानीय आश्रमों में ठहरने की समुचित व्यवस्था की गई थी।