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साहब हमतैं गौं मा ही रैण द्यावा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगर पालिका के विस्तारीकरण को लेकर सरकार की सोचा विकास की हो लेकिन ग्राम

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 01:00 AM (IST)
साहब हमतैं गौं मा ही रैण द्यावा
साहब हमतैं गौं मा ही रैण द्यावा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगर पालिका के विस्तारीकरण को लेकर सरकार की सोचा विकास की हो लेकिन ग्रामीण नगर पालिका में ग्रामीण परंपरा का विनाश देख रहे हैं। मांडों गांव 63 वर्षीय रतना देवी कहती है कि साहब हमतैं गौं मा ही रैण द्यावा, हम गौं मा सुखी छन..। (साहब हमें गांव में ही रहने दो, हम यहीं सुखी हैं) पालिका में शामिल न होने को लेकर इसी तरह से अन्य ग्रामीणों के भी अपने-अपने तर्क हैं।

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67 वर्षीय डांग गांव की अत्तरा देवी कहती है कि गांव में हमारे अपने जंगल हैं, अपने पनघट हैं और अपनी सांस्कृतिक परंपराएं हैं। जब वह गांव की व्यवस्था ही चाहते हैं तो गांव को नगर पालिका में क्यों शामिल किया जा रहा है। गांव को बचाने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए था। लेकिन ग्रामीणों को इस तरह से धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। 70 बड़ेथी गांव के चंदन ¨सह कहते हैं कि बडे़थी गांव में आज भी शहर से अच्छी सुविधाएं हैं। नगर पालिका उत्तरकाशी को बने हुए 40 साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक 75 फीसद हिस्से में सीवर लाइन नहीं बिछी, कूड़ा डालने के लिए स्थान नहीं है। अतिक्रमण करके नई बस्तियां बनी हैं ये नगर पालिका की उपलब्धि है। 69 वर्षीय मांडों गांव के गैणा ¨सह कहते हैं कि ग्रामीण अपने पशुओं और बच्चों को घर में छोड़ कर सड़कों पर उतरे हैं। अगर सरकार इसके बाद भी नहीं चेती तो बड़े आंदोलन के लिए वे ग्रामीणों के साथ तैयार हैं।


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