जोगथ रोड का 10 मीटर हिस्सा झील में समाया
टिहरी बांध की झील का जलस्तर 828 मीटर पार पहुंचने के बाद नगर पालिका परिषद चिन्यालीसौड़ के तटीय क्षेत्रों की आवासीय बस्ती पर भी खतरा मंडराने लगा है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: टिहरी बांध की झील का जलस्तर 828 मीटर पार पहुंचने के बाद नगर पालिका परिषद चिन्यालीसौड़ के तटीय क्षेत्रों की आवासीय बस्ती पर भी खतरा मंडराने लगा है। इसका आंशिक डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने टिहरी बांध प्रशासन से तत्काल सुरक्षा निर्माण कार्य शुरू करने के साथ ही बढ़ते जलस्तर को तत्काल रोकने की मांग की है। वहीं, जलस्तर बढ़ने से जोगथ रोड का करीब 10 मीटर हिस्सा भी झील में समा गया। प्रशासन ने फिलहाल मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी है।
टिहरी बांध की झील में बीते वर्ष तक 828 मीटर तक ही पानी भरा जाता था। लेकिन, इस वर्ष केंद्र सरकार ने टिहरी झील को 830 मीटर तक भरने की अनुमति टीएचडीसी प्रबंधन को दी है। सोमवार को टिहरी झील का जलस्तर 828.30 मीटर तक पहुंच गया, जबकि बांध की झील से 299 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। टिहरी बांध में 828 मीटर पानी भर जाने के बाद नगर पालिका क्षेत्र चिन्यालीसौड़ के पीपलमंडी, बिजल्वाण मोहल्ला, हास्पिटल रोड, चिन्यालीसौड़ बाजार, नागणी आदि तटीय क्षेत्रों में भूधसाव का खतरा मंडराने लगा है। जलस्तर बढ़ने से जोगथ रोड का करीब 10 मीटर हिस्सा भी झील में समा गया। जलस्तर बढ़ाने का विरोध करने वालों में व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद नौटियाल, प्रधान संगठन अध्यक्ष कोमल सिंह राणा, पूर्व प्रमुख रजनी कोटवाल, मदनलाल बिजल्वाण, खिमानंद बिजल्वाण, दीपक बिष्ट आदि थे।
----------
मकानों में दरार से दहशत
शिव मंदिर, राजकीय इंटर कालेज चिन्यालीसौड़ के आवासीय भवनों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ऊर्जा निगम स्टोर, वन विभाग, वाल्मीकि कॉलोनी, नागणीसौड़ के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट के मकानों में दरार आ जाने से आमजन में दहशत है। नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शूरवीर सिंह रांगड़ ने टिहरी बांध प्रशासन सहित उत्तरकाशी प्रशासन से तत्काल सुरक्षा निर्माण करने की मांग की है। साथ ही बांध के बढ़ते जलस्तर को तत्काल रोक दिया जाए।