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खटीमा में बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर कार्यशाला में वन कर्मियों को दिए टिप्स

खटीमा में ड्यूटी के दौरान बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर मंगलवार को वन विभाग के सुरई रेंज में कार्यशाला हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 09:41 PM (IST)
खटीमा में बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर कार्यशाला में वन कर्मियों को दिए टिप्स
खटीमा में बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर कार्यशाला में वन कर्मियों को दिए टिप्स

संवाद सहयोगी, खटीमा: ड्यूटी के दौरान बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर मंगलवार को वन विभाग के सुरई रेंज में कार्यशाला आयोजित की गई। विशेषज्ञ व चिकित्सकों ने वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को जरूरी जानकारी दी। कार्बेट फाउंडेशन से आई एनजीओ की टीम ने प्रवासी पक्षी की पहचान के बारे में बताया।

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सुरई रेंज के बग्घा कक्ष संख्या-48 में हुई कार्यशाला में सुरई रेंज, जौलासाल रेंज, किलपुरा व खटीमा रेंज के अधिकारियों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आयुष उनियाल व डा. कोमल सिंह ने बताया कि बर्ड फ्लू को लेकर एहतियात बरतना जरूरी है। मल, लार व संक्रमित पक्षी के मल, लार के जरिये यह वायरस फैलता है। ऐसे पक्षी के संपर्क में न आएं। पीपी किट व दस्ताने पहनने के बाद ही मृत पक्षी को छू सकते हैं। इसके बाद बाद पक्षी को सुरक्षित रखने का डेमो भी दिखाया। यह वायरस पक्षी से मनुष्य में भी आ सकता है। ऐसे में बुखार, बेचैनी, शरीर में दर्द, दस्त लगना जैसे लक्षण हो सकते हैं। डा. उनियाल ने बताया सही तापमान पर पकाए गए चिकन या अंडे से बर्ड फ्लू का खतरा कम होता है।

वन्य जीव वैज्ञानिक डा. जय प्रताप सिंह ने बताया कि मृत व जीवित मुर्गियां जंगल में छोड़े जाने पर रोक लगाने पर जोर दिया। संचालन सुरई रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सुधीर कुमार ने किया। इस मौके पर कार्बेट फाउंडेशन रामनगर की सरिता बिष्ट, उप उप्रभागीय वनाधिकारी शिवराज चंद, खटीमा के रेंजर राजेंद्र मनराल, किलपुरा के रेंजर लव नक्षत्र शाह, जौलासाल रेंजर विजय चंद्र भट्ट, डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी, सुखदेव मुनी, संतोष भंडारी, धन सिंह अधिकारी, बाबूराम, रामेश्वर दयाल, ललित सिंह, मुकेश कुमार मौजूद रहे।

ड्रोन व दूरबीन से देखे प्रवासी पक्षी

विशेषज्ञों ने कार्यशाला के बाद शारदा डैम पर ड्रोन व दूरबीन से प्रवासी पक्षी देखे। डा. आयुष ने बताया कि ड्रोन कैमरे से बनाई वीडियो से पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षणों की जांच की जाएगी। संक्रमित पक्षी की अन्य से गतिविधि अलग नजर आएगी।


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