कोरोना से मुल्क की मुक्ति को बाजपुर में बच्ची ने रखा रोजा
बाजपुर के ग्राम बाजपुर की 10 वर्षीय बालिका ने मुल्क को कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए रखा रोजा।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : विकासखंड के ग्राम बाजपुर में रहने वाली 10 वर्षीय बालिका ने मुस्लिम समाज के पवित्र माह का रोजा रखकर रोजा पूर्ण करने में कामयाबी हासिल की है। माहे रमजान गर्मी में भीषण गर्मी के दौरान मासूम बच्चे भी रोजा रखने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
गांव बाजपुर में बुजुर्ग हो चले हाजी डा. अब्दुल अजीज अंसारी जहां गांव में रह कर जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं, वहीं उनकी 10 वर्ष की पोती अफीफा नूर पुत्री अब्दुल मन्नान ने परिवार के सदस्यों के साथ रोजा रखा। उनके इस कदम की सराहना की जा रही है। अफीफा की माता रेशमा अंसारी ने बताया कि दिन चढ़ने के साथ रोजेदार को परेशानी तो होती है, लेकिन वे अपना रोजा किसी भी हालत में नहीं तोड़ते। शाम को मगरिब की अजान होते ही खिले चेहरे के साथ अपने घर के बड़े रोजेदारों संग बच्ची भी रोजा खोलती हैं। दूसरी बार रोजा रख रही अफीफा ने बताया कि पहले घर में बड़ों को रोजा रखते देखकर उन्हें भी रोजा रखने की इच्छा होती थी। इसलिए मैंने बिना घर वालों को कहे सुबह सेहरी कर रोजा रख लिया और सुबह सब को बता दिया कि मैंने तो रोजा रखा है। घर के सदस्यों ने बहुत समझाया कि आप अभी बहुत छोटी हैं, एक-दो साल बाद रोज रखना पर उसकी जिद के आगे किसी की नहीं चली और फिर परिवार के सभी सदस्यों ने इस नेक काम में उस का हौसला बढ़ाया और उसका रोजा कामयाब हुआ। इस दौरान उन्होंने अल्लाह से गुजारिश की है कि मेरे मुल्क को कोरोना वायरस महामारी से निजात दिलाएं।