पहली बार पालिका का हिस्सा बनेगी थारू आबादी
संवाद सहयोगी, खटीमा : सीमांत की सियासी तस्वीर को बदलने का दम रखने वाली थारू जनजाति की कु
संवाद सहयोगी, खटीमा : सीमांत की सियासी तस्वीर को बदलने का दम रखने वाली थारू जनजाति की कुछ आबादी पालिका गठन के चार दशक बाद इसका हिस्सा बनने जा रही है। इससे थारू समुदाय भी उत्साहित है। माना जा रहा है कि एकाध वार्डो में उनका प्रतिनिधित्व भी उभर कर सामने आ सकता है।
वर्ष 1988 में खटीमा नगर पंचायत को उच्चीकृत कर नगर पालिका का दर्जा प्राप्त हुआ था। पालिका गठन के चार दशक तक इसका सीमा विस्तार नहीं हो सका। अब पहली बार पालिका की सीमा में वृद्घि की गई है। जिसके बाद नगर से लगी करीब आधा दर्जन ग्राम पंचायतें पूर्ण अथवा आंशिक रूप से नगर पालिका का हिस्सा बन गई हैं। इन ग्राम सभाओं में थारू जनजाति की आबादी कहीं कम तो कहीं ठीक-ठाक संख्या में है। ऐसे में इस वर्ष अप्रैल माह में संभावित निकाय चुनाव में थारू जनजाति की आबादी भी अपने नुमाइंदे चुनने में अहम भूमिका निभा सकती है। अब तक हुए वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन कर जो वार्ड बनाए गए है। उनमें से कुछ वार्डो में थारू जनजाति की आबादी अच्छी संख्या में है। इसके मुताबिक पालिका क्षेत्र में थारू जनजाति की कुल 4620 जनसंख्या शामिल होना संभावित है। वार्ड दस झनकईया की कुल अनुमानित 2782 जनसंख्या में 1043 थारू जनजाति की हैं। इसी प्रकार वार्ड 16 अंबेडकर नगर में 785, वार्ड 9 अमाऊं मयूर बिहार में 550, वार्ड 13 हनुमान मंदिर में 435 व वार्ड 12 खेतलसंडा में 304 थारू समुदाय की जनसंख्या पालिका का हिस्सा बन रही है। नए बनते सियासी समीकरणों से जनजाति के लोगों में भी उत्साह है। कम से कम वार्डो से चुने जाने वाले सभासदों के चुनाव में यह आबादी निर्णायक भूमिका निभा सकती है।