तालाब की भूमि पर बने दस मकान बुलडोजर ने किए जमींदोज
खटीमा में हाई कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए शनिवार को मझोला में कार्रवाई करते हुए तालाब पर अवैध कब्जे को हटा दिया।
संवाद सहयोगी, खटीमा: हाई कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का कार्य युद्घ स्तर पर शुरू कर रखा है। इसके चलते मझोला गांव में तालाब की भूमि पर बने दस मकानों को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान कब्जेदार प्रशासन के सामने रोते-गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई तेजी से चलती रही। प्रशासन की इस कार्रवाई से अन्य कब्जेदारों में दहशत बनी हुई है।
शनिवार को उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट एवं सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी की अगुवाई में प्रशासन की संयुक्त टीम बुलडोजर के साथ मझोला गांव पहुंचीं। प्रशासन ने इस भूमि पर बसे लोगों को 18 दिन पहले नोटिस देकर खाली करने को निर्देशित किया था। इस भूमि पर गांव के हुकुम सिंह, अशोक कुमार, माया शंकर गुप्ता, बनवारी लाल, लेखराज राजू, शंकर लाल, लीलावती, डालचंद, सीताराम, चेतराम कब्जेदार थे। 11 मई को प्रशासन ने अभियान चलाकर आंशिक रूप कार्रवाई कर दो दिन का समय कब्जा खाली करने के लिए दिया था। इसके बाद भी भूमि से कब्जा नहीं हटाया गया तो शनिवार को प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से चार घंटे चली कार्रवाई के बाद भूमि पर बने मकानों को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों की प्रशासन के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। ग्रामीणों का कहना है कि वह पिछले 60 वर्षो से उक्त भूमि पर निवास कर रहे थे। राज्य के मूल निवासी हैं। सरकार की ओर से प्रत्येक सुविधा उन्हें मिल रही है। अब प्रशासन उनके घरों को तोड़ रहा है। ऐसे में वह कहां जाएंगे। मकान ध्वस्त होने के बाद वह खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। इस मौके पर तहसीलदार शुभांगिनी, कोतवाल नरेश चौहान, रजिस्ट्रार कानून-गो नरेंद्र गहतोड़ी, कानूनगो राजकुमार, सत्रहमील पुलिस चौकी प्रभारी संदीप पिलख्वाल, एसआइ मनोज देव, राजस्व उपनिरीक्षक नवनीत चौहान, नीता चौहान, वीरेंद्र चौहान, पवन कोहली, सतीश चंद्र, हरीश कुमार समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी मौजूद थे।