तालाबों में मछली पालेंगी महिलाएं
अब महिलाओं को भी मछली पालन के लिए ब्लाक स्तर पर मछली बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
रजत श्रीवास्तव, काशीपुर : महिला समूहों के लिए अच्छी खबर है। अब महिलाओं को भी मछली पालन के जरिए स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। नगर के तालाबों को चिह्नित किया जा रहा है।
ब्लाक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत 10 से 15 महिलाओं के समूह बनाए जाते हैं। नई पहल के तहत काशीपुर के बांसखेड़ाखुर्द में ग्रोथ सेंटर बनाया जा रहा है। महिला समूहों को ब्लाक से निश्शुल्क मत्स्य बीज दिए जाएंगे। चयनित तालाबों में इन बीजों को डाला जाएगा। पुरानी बिल्डिग में होगा काम
बांसखेड़ाखुर्द की एक पुरानी बिल्डिग में ग्रोथ सेंटर खुलेगा। आठ लाख रुपये खर्च कर एक हजार फीट के दायरे में आवश्यक सुधार बिल्डिग में कर्मचारियों और स्टाफ को बैठाया जाएगा। इस योजना से काशीपुर के 623 स्वयं सहायता समूहों को लाभ मिलेगा। पहले इन समूहों को विकास भवन के चक्कर काटने के बाद बीज लेना पड़ता था।
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खंगाले जाएंगे दफन तालाब
इस योजना को शुरू करने से पहले पुराने तालाबों को खंगाला जाएगा। दरअसल, ग्रामीणों इलाकों में कई तालाबों को पाटकर कब्जे कर लिए गए हैं। इस कवायद में इन तालाबों से कब्जा हटवाया जाएगा। इससे तालाबों को संजीवनी मिलने के साथ ही महिलाएं भी स्वरोजगार के जरिए अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी।
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पहले 17 तालाबों पर अभियान
ग्रोथ सेंटर बनने के बाद पहले 17 तालाबों की मनरेगा के तहत साफ-सफाई शुरू की जाएगी। इसके बाद तालाब समूहों को सौंपे जाएंगे। एनआरएलएम के तहत छह माह बाद कैश क्रेडिट लिमिट (सीसीएल ) के तहत चक्रीय निधि से एक लाख की आर्थिक मदद इन समूहों को मिलेगी।
---------- ग्रोथ सेंटर बनाने का मकसद यह है कि महिला समूहों की दौड़ बचेगी और उनको यहीं पर बीज उपलब्ध हो जाएंगे। छह माह बाद मिले धन से महिलाएं कोई अन्य कार्य भी कर सकेंगी।
-राजीव शर्मा, मैनेजर, मिशन, ब्लाक, काशीपुर