सीमांत में ड्रनेज का कोई सिस्टम नहीं
खटीमा में ड्रेनेज सिस्टम की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते बरसात का पानी अक्सर सड़कों पर बहने लगता है।
संवाद सहयोगी, खटीमा : सीमात में ड्रेनेज सिस्टम की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते बरसात का पानी अक्सर सड़कों पर बहने के साथ लोगों के घरों व दुकानों में घुसता है। वर्तमान समय में यहां खकरा व ऐंठा नाले के भरोसे ही शहर की जल निकासी के प्रबंध हैं। हालांकि पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनने के बाद यहां ड्रेनेज सिस्टम के लिए सर्वे का कार्य शुरू हुआ है।
सीमांत का यह शहर पड़ोसी देश नेपाल व उत्तर प्रदेश सीमा से लगा होने के साथ सैनिक व जनजाति बाहुल्य है। 2018 में परिसीमन के बाद पालिका की सीमा का विस्तार हुआ है। वर्तमान में खटीमा पालिका में 20 वार्ड हैं। जिनमें 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 62 हजार की आबादी है जबकि मतदाता 42 हजार हैं। पिछले लंबे समय से शहर की जल निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम की मांग की जाती रही है। क्योंकि शहर की अधिकांश नालियों की सही ढ़ंग से सफाई नहीं के कारण बरसात का पानी लोगों के घरों व प्रतिष्ठानों में घुस जाता है। जिसे लेकर समय-समय पर लोग हो-हल्ला भी मचाते रहे हैं।
शहर के मुख्य चौक इस्लामनगर, परिहार, तपन अस्पताल गली समेत कंजाबाग व सितारगंज मार्ग पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से कई-कई फिट पानी सड़कों पर बहता रहता है। जिस वजह से आमजन को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर के गंदे पानी एवं बरसाती पानी की निकासी खकरा व ऐंठा नालों से होती है। जो बरसात के दिनों में ओवरफ्लो होकर बहते हैं। जिनसे बाढ़ की भी संभावना बनी रहती है। हालांकि पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनने के बाद खकरा व ऐठा नाले पर कवरिंग रोड के साथ वेंडिंग जोन व ड्रेनेज सिस्टम के लिए उत्तराखंड अर्बन सेंटर डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक इस योजना को मूर्त रूप मिल पाता है।
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:::::: वर्जन
शहर में अभी तक ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। कुछ दिन पूर्व ही इसके सर्वे का काम शुरू हुआ है।
- मनोज दास अधिशासी अधिकारी खटीमा