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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा जीबी पंत विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती पर शोध की काफी गुंजाइश

पंतनगर में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत विवि में प्राकृतिक खेती पर शोध की काफी गुंजाइश है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 11:18 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 11:18 PM (IST)
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा जीबी पंत विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती पर शोध की काफी गुंजाइश
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा जीबी पंत विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती पर शोध की काफी गुंजाइश

जागरण संवाददाता, पंतनगर : नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय अलग अलग विभागों के विज्ञानियों का बड़ा समूह है। देश का यह प्रथम कृषि विवि है, जो देश के वैज्ञानिक शोधों का केंद्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में जीबी पंत विवि में परंपरागत वैज्ञानिक खेती पर शोधों की काफी गुंजाइश है।

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राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने बुधवार को पंत विवि के कृषि महाविद्यालय परिसर में ऋषि पाराशर की छह फीट की प्रतिमा का अनावरण के दौरान बतौर मुख्य अतिथि यह बात कहीं। कृषि महाविद्यालय के डीन डा. शिवेंद्र कुमार कश्यप ने कहा कि भारत के कृषि विज्ञान परंपरा में सबसे बड़ी समस्या वैज्ञानिक उपलब्धियों से दूर होना रहा। इससे संस्कृत भाषा में कृषि का पुरातन ज्ञान विलुप्त होता गया। ऋषि पाराशर ने कृषि पाराशर नामक पुस्तक में मृदा की गुणवत्ता, जैविक खेती करने के तरीके, पानी, सिचाई, जैविक खाद, पशुपालन, कीट विज्ञान आदि का जिक्र है। कृषि पाराशर में परंपरागत कृषि समन्वयक का ज्ञान छिपा है। इस पुस्तक पर शोध कर देश-दुनिया में जैविक खेती करने के तरीके को प्रचार-प्रचार करने की जरूरत है।

कुलपति डा. तेज प्रताप ने कहा कि विवि के नए विद्यार्थी कृषि पाराशर पुस्तक के जरिये देश की प्राचानी प्राकृतिक खेती करने के तरीके से रूबरू होंगे और इन पर शोध कर देश-दुनिया को अवगत भी कराएंगे। एशियन एग्री हिस्ट्री फाउंडेशन उत्तराखंड चैप्टर की डा. सुनीता टी पांडेय का पाराशर की प्रतिमा लगाने के लिए आर्थिक सहयोग रहा।


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