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पांच हजार खिलाड़ियों में से निकलेंगे नगीने

राज्य में ओलंपिक संघ ने हौसले की उड़ान भरी है। पांच हजार खिलाड़ियों में से कई नगीने निकलेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:50 PM (IST)
पांच हजार खिलाड़ियों में से निकलेंगे नगीने
पांच हजार खिलाड़ियों में से निकलेंगे नगीने

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : राज्य में ओलंपिक संघ ने हौसले की उड़ान भरी है। इसमें बिना किसी सरकारी इमदाद के विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परिचय दे चुके उत्तराखंड को इसके जरिये अनमोल हीरे मिलेंगे।

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उत्तराखंड चतुर्थ राज्य ओलंपिक खेल की शुरुआत शनिवार से हो गई।

जिला स्तर पर बेहतरीन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच देने के लिए यह प्रतियोगिता बेहद अहम साबित होगी। राज्य ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ. डीके ¨सह ने बताया कि राज्य में प्रतिभाओं की भरमार है। ऐसे में उन्हें तराशने की जरूरत है। जिसके लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसमें 13 जिलों के पांच हजार खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं। जिसमें एथलेटिक्स, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, जूडो, ताइक्वांडो, कुश्ती, बॉ¨क्सग, खो-खो, जिम्नास्टिक समेत 25 खेलों को शामिल किया गया है। --इंनसेट--

सामूहिक प्रयास लाया रंग

रुद्रपुर: राज्य ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए सामूहिक प्रयास किया गया है। जिसमें लोगों ने निजी व व्यक्तिगत सहयोग किया है। महासचिव ने बताया कि राज्य सरकार से उन्होंने खिलाड़ियों के लिए नि:शुल्क यात्रा की मदद मांगी, लेकिन इस संबंध में कोई सहायता नहीं दी गई। जिसके बाद खिलाड़ियों की यात्रा में ही संघ को 28 लाख रुपए का अतिरिक्त बोझ सहना पड़ा।

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16 साल पहले हुई शुरुआत राज्य ओलंपिक खेलों की शुरूआत 16 साल पहले हुई। जिसमें पहली बार यह आयोजन साल 2002 में देहरादून व हरिद्वार में किया गया। दूसरी प्रतियोगिता साल 2004 में काशीपुर, हल्द्वानी, नैनीताल व देहरादून में आयोजित हुई। तीसरी प्रतियोगिता साल 2006 में देहरादून, हल्द्वानी व हरिद्वार में हुई। जिसके 12 साल के अंतराल पर ओलंपिक संघ ने चौथी प्रतियोगिता का आयोजन किया है। --इनसेट--

मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से परेशानी

जिले में राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता के दौरान आयोजन मंडल को इंफ्रास्टक्चर की दरकार है। जिससे कई तरह की दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। डॉ. डीके ¨सह ने बताया कि तलवारबाजी के लिए फिस्ट उन्हें दिल्ली से मंगवाना पड़ा। इसी तरह कबड्डी खेल के लिए भी उचित जगह नहीं मिलने पर किसी तरह से मैदान तैयार करना पड़ा। वर्जन----------राज्य की प्रतिभाओं को तराशने के लिए ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया है। राज्य के खिलाड़ियों के हित के लिए जो भी बन पड़ेगा वह किया जाएगा। खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। -डॉ. डीके ¨सह, महासचिव, राज्य ओलंपिक संघ, उत्तराखंड


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