विधायक ने अधिशासी निदेशक को दी ट्रांसफर की धमकी
जागरण संवाददाता, किच्छा : गन्ना सेंटर दुम्का बंगर, उमापति हल्दूचौड़ पर गन्ने की तौल की मांग को लेकर ध
जागरण संवाददाता, किच्छा : गन्ना सेंटर दुम्का बंगर, उमापति हल्दूचौड़ पर गन्ने की तौल की मांग को लेकर धरने पर बैठे लालकुआं विधायक नवीन दुम्का को उस समय फांस गले पड़ी गई जब चीनी मिल की अधिशासी निदेशक दीप्ति ¨सह ने फोन पर दी ट्रांसफर की धमकी पर बोलना शुरू किया। हालांकि सबके सामने विधायक ने इसे स्वीकार करते हुए कहा काम नहीं होगा तो वह नहीं रहने देंगे। माहौल गर्माने लगा तो विधायक जी भी धरना छोड़ कर साथ आए किसानों व स्थानीय भाजपाइयों को छोड़ वहां से सरकने को मजबूर हो गए।
दुम्का बंगर में बीते दिनों ट्रांसपोर्टर कर्मियों के साथ ही सेंटर कर्मियों के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद से ही ट्रांसपोर्टरों ने गन्ना उठाने से मना कर दिया था। जिस पर चीनी मिल प्रबंधन ट्रांसपोर्टरों को मान मनोव्वल कर मामला निपटाने में लगा था। ट्रांसपोर्टरों ने उनको मिल रही धमकी से भी मिल प्रबंधन को अवगत कराया था। मंगलवार दोपहर दुम्का बंगर के किसान गन्ने का उठान न होने का आरोप लगाते हुए चीनी मिल प्रशासनिक भवन परिसर में धरने पर बैठ गए। कुछ देर के बाद लालकुआं विधायक नवीन दुम्का भी पहुंच गए। उन्होंने कहा वह मिल प्रबंधन के खिलाफ एक दिन के उपवास पर हैं। विधायक के धरने पर बैठने की सूचना पर मिल की अधिशासी निदेशक दीप्ति ¨सह भी वहां पहुंच गई। उन्होंने जब स्थिति को समझाने का प्रयास किया तो कोई उनकी पीड़ा को सुनने को तैयार ही नहीं हुआ। जिस पर माहौल गर्मा गया और अधिशासी निदेशक की विधायक की नोकझोंक होने लगी। इसी समय अधिशासी निदेशक ने विधायक द्वारा उनको फोन पर दी ट्रांसफर की धमकी की बात मौके पर बोल दी तो सब वहां सन्न रह गए। विधायक ने भी सबके सामने स्वीकार किया कि उनके द्वारा फोन पर व्यवस्था न सुधारे जाने पर ट्रांसफर की चेतावनी दी गई माहौल गर्माता देख कर विधायक वहां से सरक गए। इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता कुंदन लाल खुराना, भाजयुमो कुमाऊं संयोजक विवेकदीप ¨सह दीपू, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विनोद ¨सह, विवेक राय, चेयरमैन सहकारी गन्ना समिति हल्द्वानी राजीव कबड़वाल, मोहन सुयाल, हरीश चंद्र सुयाल, आनंद ¨सह पंवार, लाल ¨सह धपोला, खेमानंद कबड़वाल, ललित सनवाल, दिनेश आर्य आदि मौजूद थे।
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पहले सितारगंज अब बंद बाजपुर फैक्ट्री के सेंटर भी किच्छा को
पेराई सत्र प्रारंभ होने से ठीक पहले सितारगंज चीनी मिल बंद होने के बाद वहां के सेंटर किच्छा चीनी मिल को दे दिए गए। जिससे स्थानीय इंडेंट प्रभावित हुआ। अब बाजपुर चीनी मिल बंद होने के बाद गन्ना विभाग द्वारा वहां का बचा गन्ना किच्छा को देने का दवाब बनाया जा रहा है। जिससे किच्छा चीनी मिल में जाम की स्थिति बन गई है और वह हांफने को मजबूर है। जिससे किच्छा चीनी मिल का पेराई सत्र पूरा करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
वर्जन ...
सेंटर पर मारपीट से ट्रांसपोर्टरों को लगातार मिल रही धमकी के बाद ट्रांसपोर्टरों में रोष है। वह वहा से गन्ना उठाने को तैयार नही है। उसके बाद भी मिल प्रबंधन जैसे तैसे 80 प्रतिशत तक गन्ना उठा चुका है। माननीय विधायक नवीन दुम्का के संज्ञान में सारा मामला डाला जा चुका है। लेकिन मिल प्रबंधन की दिक्कत को सुनने को तैयार नही हो रहे। विपरित परिस्थितियों में भी मिल प्रबंधन पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने कार्य का निर्वहन कर रहा है। ------- दीप्ति ¨सह अधिशासी निदेशक, किच्छा शुगर कंपनी
संदीप जुनेजा