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आंधी व बारिश से टूटे फल उत्पादकों के सपने

रुद्रपुर में आंधी के साथ तेज बारिश ने रविवार को जिले में फल उत्पादकों को रुला दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 06:20 AM (IST)
आंधी व बारिश से टूटे फल उत्पादकों के सपने
आंधी व बारिश से टूटे फल उत्पादकों के सपने

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : आंधी के साथ तेज बारिश ने रविवार को जिले में फल उत्पादकों खासकर व लीची उत्पादकों के सारे सपने एक पल में टूट से गए। इस बार 26 अप्रैल की तुलना में आंधी तेज थी। विभाग के अनुसार पूरे जिले में करीब 70 फीसद तक आम व लीची फसल को नुकसान हो सकता है। जिला उद्यान अधिकारी हरिश्चंद्र तिवारी ने बताया कि ब्लॉक स्तरीय टीम से सटीक नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। इस बार नुकसान पूर्व से काफी अधिक हुआ है।

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रविवार को तेज आंधी के साथ बारिश से जिले में आम व लीची के बागों में फल टूटकर बिछ गए। दोपहर दो बजे से चार बजे तक आफत की बारिश ने किसानों के सपने धुल दिए। अभी 26 अप्रैल को आई आंधी व बारिश में 25 से 30 फीसद आम व लीची की फसल को नुकसान हुआ था। रही सही आशा इस बार टूट गई। बाजपुर, गदरपुर, सितारगंज, खटीमा, रुद्रपुर सहित किच्छा में काफी बड़े स्तर पर किसान फल उत्पादन से जुड़े हुए हैं। इसमें इस बार आम की फसल 4 हजार 147 हेक्टेअर व लीची की फसल लगभग 1550 हेक्टेअर में है। आंधी व बारिश के चलते जहां आम का फल दूसरी स्टेज पर है, अभी इसमें जाली नहीं पड़ी है। वहीं, लीची का फल अभी बहुत छोटा है। तेज आंधी में विभागीय अधिकारियों का मानना है कि फल जमीन पर बिछ गए हैं। जिला उद्यान अधिकारी हरिश्चंद्र तिवारी ने बताया कि पूर्व में जब 26 अप्रैल को आंधी व बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी थी।

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मुआवजा दिलाने की होगी कोशिश

रुद्रपुर : जिला उद्यान अधिकारी का कहना था कि मुआवजा देने के मानकों के लिए प्रशासन के माध्यम से मुख्यालय स्तर पर जो रिपोर्ट भेजी जाएगी। उसके आधार पर ही मुआवजा राशि तय की जाती है। इसमें आपदा नियंत्रण से ही बजट का प्रावधान होता है। फसल में 33 फीसद से ऊपर नुकसान होने पर ही मुआवजा देने का नियम है। इसके लिए सातों ब्लॉकों में स्थानीय विभागीय अधिकारियों को जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।


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