पॉजिटिव के बाद भी कुंवर ने नहीं मानी हार, समाज के प्रति रहे पॉजिटिव
रुद्रपुर में फर्ज से बढ़कर कुछ नहीं। अपनी जिदगी से ज्याद अहम है लोगों की जिंदगी बचाना।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : फर्ज से बढ़कर कुछ नहीं। अपनी जिदगी से ज्याद अहम है लोगों की जिदगी बचाना। मेरी जिदगी अगर किसी को बचाने के लिए काम आ रही है तो खुद को खुशनसीब समझ रहा हूं..यह बात जिला अस्पताल के एंबुलेंस चालक कुंवर सिंह नेगी ने कही। आठ घंटे की सरकारी ड्यूटी नहीं, बल्कि 24 घंटे की सेवा करने के लिए तत्पर हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते दो साल से लोग त्रस्त हैं। रोजाना लाखों की संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं जबकि सैकड़ों जान कोरोना ले रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना वारियर्स अपनी जिदगी दांव पर लगाकर लोगों की सेवा में दिन रात जुटे हैं। इन्हीं लोगों में एंबुलेंस चालक भी सेवा में लगे हुए हैं। मूल रूप से भवाली, नैनीताल निवासी कुंवर सिंह नेगी पिछले आठ वर्षो से जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय में एंबुलेंस चालक हैं। परिवार के साथ कैंपस में ही रहते हैं। कोरोना की पहली लहर में भागदौड़ के बीच कब संक्रमित हो गए उन्हें पता ही नहीं चला। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। 20 दिनों के बाद स्वस्थ होने पर फिर से सेवा में जुट गए। दूसरी लहर में 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। बताते हैं कि हर लोग डर रहे हैं, डरना लाजमी है। घर से निकलते वक्त खाना खाने के बाद सीधे शाम को खा पाता हूं। घर में एक बेटी और एक बेटा है, ड़्यूटी पर जाते वक्त गर्म पानी, सैनिटाइजर, मास्क सहित अन्य सुरक्षा के सामान देकर भेजते हैं। पिछले दो साल से खुद को अलग कर रखा है। ड्यूटी से घर पहुंचने पर सैनिटाइज करने के साथ ही नहाते हैं। खाना खाते वक्त तक परिवार से खुद को दूर रखते हैं। बताया कि घर गए हुए डेढ़ वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन लोगों की जिदगी से बढ़कर कुछ नहीं है। माहौल शांत होगा तभी घर जाएंगे।