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कैंची ने कतर दिए सियासी दलों के पर

आशुतोष मिश्र, सितारगंज : नगर पालिका चुनाव में इस बार मतदाताओं ने सबसे शिक्षित निर्दलीय प्रत्या

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 05:00 AM (IST)
कैंची ने कतर दिए सियासी दलों के पर
कैंची ने कतर दिए सियासी दलों के पर

आशुतोष मिश्र, सितारगंज : नगर पालिका चुनाव में इस बार मतदाताओं ने सबसे शिक्षित निर्दलीय प्रत्याशी हरीश दूबे के हाथों में पालिका की कमान सौंप दी। पर्सनालिटी के आगे पार्टियों को मतदाताओं ने नकार दिया है। निर्दलीय हरीश दूबे ने कैंची चुनाव चिह्न लेकर भाजपा और कांग्रेस के पर कतरते हुए नगर पालिका चुनाव इतिहास में रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। भाजपा के लिए प्रत्याशी चयन हार का कारण बना। वहीं हाथी ने कांग्रेस को कमजोर कर दिया। जिसकी वजह से कांग्रेस के हाथ से पालिकाध्यक्ष की सीट फिसल गई। इस चुनाव विधायक सौरभ बहुगुणा को करारा झटका दिया है।

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नगर पालिका चुनाव में मतदाताओं ने कांग्रेस, भाजपा व बसपा को दरकिनार कर निर्दलीय हरीश दूबे को चुन है। खटीमा के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हरीश ने इस चुनाव में पालिका के अब तक हुए चुनाव में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के हाजी अनवार अहमद को 1867 मतों से पराजित कर कांग्रेस से पालिका की सीट छीन ली। इस बार कांग्रेस ने मुस्लिम बाहुल्य पालिका क्षेत्र में दो बार निर्दलीय चुनाव लड़कर चेयरमैन बने अनवार अहमद पर दांव लगाया था। अनवार को भी हाथ का साथ काम नही आया। विधायक सौरभ बहुगुणा ने पूरी ताकत झोंककर व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय गोयल को कमल का फूल थमाया था। संजय तीन साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। प्रत्याशी चयन से भाजपा के क्षेत्रीय क्षत्रप के साथ ही संघ के नेता भी खुश नही थे। जिसका खामियाजा भाजपा को चुनाव में तीसरे नंबर पर आकर भुगतना पड़ा है। हाथ के पंजे को बसपा के हाथी ने कमजोर कर कांग्रेस की नैया को डुबो दिया। कांग्रेस के अनवार अहमद को 5001 वोट मिले। वहीं बसपा के इकशाद अहमद पटौदी के 1798 वोट ने कांग्रेस की राह रोक दी। समाजसेवी मोनू त्रिपाठी की रणनीति व एक फोन पर हाजिर होने की आदत ने निर्दलीय हरीश दूबे को सभी दलों के साथ ही सर्वधर्म के लोगों का भरपूर समर्थन मिला। जो उनकी जीत का कारण बना। हरीश की जीत से भाजपा विधायक सौरभ बहुगुणा को करारा झटका लगा है। वीटो पॉवर लगाकर संजय को टिकट दिलाने वाले विधायक ने चुनाव जिताने के लिए डेरा डाल दिया था। अपने चुनाव से ज्यादा उन्होंने संजय को वोट दिलाने के लिए जनसंपर्क व प्रचार किया था। जिसकी वजह से इस चुनाव विधायक से जोड़कर देखा जा रहा था। फिलहाल मतदाताओं ने जनादेश देकर क्षेत्र की राजनीति दिशा बदल दी है। ============ तीसरी बार निर्दलीय को मिली अध्यक्ष की कुर्सी सितारगंज: तीसरी बार नगर पालिका अध्यक्ष पद की कुर्सी मतदाताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार को सौंपी है। अब तक हुए पालिका के छह चुनाव में तीन बार ही राजनैतिक दलों को नगर पालिका अध्यक्ष पद पर जीत मिली है। सबसे पहले 1987 में हुए चुनाव में निर्दलीय अनवार अहमद को पालिकाध्यक्ष पद पर सफलता मिली थी। इसके बाद फिर अनवार अहमद निर्दलीय चुनाव जीते थे। तीसरी बार इस चुनाव में निर्दलीय के हाथों में मतदाताओं ने पालिका की बागडोर सौंपी है।


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