विद्युत दर बढ़ने से उद्योगों को करारा झटका
आर्थिक मंदी की मार झेल रहे उद्योगों को बिजली की दरें बढ़ने से उद्योगों को झटका लगा है।
जागरण संवाददाता, सितारगंज: आर्थिक मंदी की मार झेल रहे उद्योगों को बिजली की दरें बढ़ने से एक और झटका लगा है। सिडकुल इंडस्ट्रीज एशोसिएशन ने बिजली की दरें बढ़ाने का विरोध किया है। कहा कि सरकार का यह कदम उद्योगों की कमर तोड़ देगा। उद्योग बीमार होकर बंद हो जाएंगे। सरकार उद्योगों के हित में तत्काल विद्युत दरों में हुई वृद्धि को वापस ले। नहीं तो उद्योगों का चलना मुश्किल हो जाएगा और बेरोजगारी बढ़ेगी।
सिडकुल सितारगंज इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा कि सरकार हर साल अप्रैल में बिजली की दरें बढ़ाती है। इस साल भी एक अप्रैल को विद्युत दरें बढ़ाई गई थीं। इसके बाद एक अक्टूबर को पुन: दरें बढ़ा दी गईं। प्रदेश की इंडस्ट्री मंदी के चलते पहले ही संकट के दौर से गुजर रही है। दर फिर बढ़ने से उनकी कमर ही टूट गई है। तमाम उद्योगों का विद्युत बिल तो 50 से 60 लाख रुपये तक बढ़ गया है। उत्पादन लागत बढ़ जाने से माल को बेचने में दिक्कत आ रही है। तैयार माल का प्रदेश में बाजार न होने से ट्रांसपोर्ट लागत ज्यादा आती है। यदि बिजली की दरें कम न की गई तो उत्तराखंड के उद्योग प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाएंगे और धीरे-धीरे बीमार हो जाएंगे। आटोमोबाइल व अन्य उद्योगों में मंदी के कारण हजारों मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। अब इस तरह के आर्थिक बोझ उद्योगों की कमर तोड़ देंगे। साथ ही नये उद्योग भी राज्य से किनारा कर लेंगे। ऐसे में बेरोजगारी की समस्या और गंभीर हो जाएगी। यहां के उद्योग अन्य राज्यों की तुलना में तैयार माल उनके कंप्टीशन में बेचने में सक्षम नहीं है। अगर यही हाल रहा तो यहां के उद्योग बंद हो जायेंगे, जिसका राज्य के विकास में असर पड़ेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से राज्य व उद्योगों के हित में विद्युत दरों में वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है।