पांच वर्षो में बाघ ने दो ग्रामीणों को बनाया निवाला
खटीमा के सुरई रेंज के जंगल में पांच साल के भीतर बाघ के हमले में मृत्यु की दो घटनाएं घटित हो चुकी हैं।
संवाद सहयोगी, खटीमा: सुरई रेंज के जंगल में पांच साल के भीतर बाघ के हमले में मृत्यु की दो घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें बाघ ने दोनों ग्रामीणों को अपना निवाला बना लिया था।
झाऊपरसा बगुलिया निवासी 52 वर्षीय रोहित पुत्र महाजन शुक्रवार की शाम को शारदा सागर डैम क्षेत्र चूका बीट में घास काटने गया था। जब वह देर रात तक घर नहीं पहुंचा। तो स्वजन ग्रामीणों के साथ उसकी खोजबीन करने के लिए डैम क्षेत्र में निकल पड़े। इसी बीच सड़क किनारे उसकी साइकिल खड़ी मिली। जिस पर वह उसकी वहां तलाश करने लगे। तभी बाघ ने उनके ऊपर भी हमला कर दिया। ग्रामीणों के हो-हल्ला मचाने पर बाघ वहां से भाग निकला। जिसके बाद ग्रामीणों ने कुछ दूरी पर ही रोहित का शव क्षत-विक्षत हालत में पड़ा मिला। ग्रामीणों की सूचना पर सुरई रेंज के रेंजर सुधीर कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर आ पहुंचे। जहां उन्होंने रोहित को शव को अपने कब्जे में ले लिया। बाघ ने रोहित का बाया पैर व हाथ खाया था। इस घटना से स्वजनों में कोहराम मचने के साथ गांव में दहशत का माहौल है। रोहित अपने पीछे पत्नी रीता देवी को रोता बिलखता छोड़ गया है। उसके बच्चे नहीं थे, उसने अपने नाती अनुराग को गोद लिया था। मृतक के दो भाई दशरथ, राममुनि हैं। शनिवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद शव स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया। रेंजर सुधीर कुमार ने बताया कि मृतक के स्वजनों को मुआवजा देने की कार्रवाई की जा रही है।
दूसरी घटना 17 मार्च 2017 को बग्गा 46 कंपार्टमेंट में हुई थी। बाघ ने उत्तर प्रदेश कलिया गांव के हुक्म चंद को अपना निवाला बनाया था।