नेपाल से जुड़े हो सकते हैं गिरोह के तार
जागरण संवाददाता, काशीपुर: पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट चलन में बंद होने के बाद भी ढ
जागरण संवाददाता, काशीपुर: पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट चलन में बंद होने के बाद भी ढाई करोड़ की पुरानी करेंसी का पकड़ा जाना पुलिस प्रशासन की नींद हराम करने देने वाला मामला है। माना जा रहा है कि गिरोह के तार नेपाल से जुड़े हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। फरार दो आरोपितों की गिरफ्तारी होने पर मामले का भंडाफोड़ होने की संभावना जताई जा रही है।
पांच सौ व एक हजार की पुरानी करेंसी को बंद हुए साल भर से अधिक समय हो गया। इसके बावजूद पुलिस ने सोमवार को कुंडेश्वरी क्षेत्र में प्रापर्टी डीलर कुंवर ¨सह बिष्ट के दफ्तर से ढाई करोड़ की पुरानी करेंसी बरामद की थी। पुलिस ने इस मामले में कुंवर ¨सह बिष्ट व टिहरी गढ़वाल निवासी बृजेश डिमरी को गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। इनके दो अन्य साथियों क्रमश: गुरप्रेम निवासी कुंडेश्वरी व रंजीत ¨सह निवासी फौजी कालोनी कुंडेश्वरी के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। फिलहाल दोनों फरार हैं।
पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि ढ़ाई करोड़ की पुरानी करेंसी आखिर कहां से लाई गयी। आरोपित इस करेंसी का आखिर कहां खपाना चाह रहे थे, यह सवाल भी पुलिस के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है। इधर सूत्रों का कहना है कि भारत की पुरानी करेंसी वर्तमान में नेपाल के बैंकों में जमा की जा रही है। उसके बदले वहां के लोगों को नेपाली करेंसी दी जा रही है। ऐसे में यह जोड़कर देखा जा रहा है कि नेपाल के नोट तस्करों से मिलकर यहां की पुरानी करेंसी वहां के बैंकों में खपाने की योजना तो नहीं थी। फिलहाल इन तमाम ¨बदुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस जांच में जुटी है।
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===वर्जन
पुलिस कई ¨बदुओं पर मामले की जांच कर रही है। फरार आरोपितों के हत्थे चढ़ने पर वास्तविकता का पर्दाफाश हो जाएगा।
-चंचल शर्मा, कोतवाल काशीपुर