उद्योगों में सेफ्टी के प्रति अग्निशमन विभाग लापरवाह
जिले में कई ऐसी कंपनियां हैं, जहां ज्वलनशील गैस का प्रयोग होते हैं।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : जिले में कई ऐसी कंपनियां हैं, जहां ज्वलनशील गैस का प्रयोग होता है। यहीं नहीं, कंपनियों में आग बुझाने वाले लगे अग्निशमन यंत्र भी खराब हैं। ऐसे में कंपनियों के अफसर, कर्मचारी व श्रमिक जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करते हैं, इसके बावजूद अग्निशमन विभाग को लोगों की सुरक्षा की ¨चता नहीं है।
जसपुर में एक मिल में ब्यालर फटने से एक की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई फैक्ट्रियों में हादसे हो चुके हैं, मगर हादसे से बचाव के इंतजाम बहुत कम फैक्ट्रियों में हैं। महुआखेड़ागंज स्थित फ्लैक्सी टफ फैक्ट्री में सोमवार को सफाई के दौरान किसी का हाथ क्लोरीन गैस से भरे सिलेंडर का कैप खुल गया। इससे गैस रिसाव होने से 16 लोगों की हालत बिगड़ गई थी। इलाज में थोड़ी सी लापरवाही बरती गई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। श्रमिकों के मुताबिक चार-पांच सिलेंडर पड़े थे। खास बात यह है कि अग्निशमन विभाग हर माह फैक्ट्रियों में सेफ्टी को लेकर चे¨कग करता है। फिर भी फैक्ट्री में पड़ा सिलेंडर का पता नहीं चल पाएगा। फैक्ट्री के लोग भी इस बारे में नहीं बताए। इससे विभाग की जांच पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है।इससे पहले भी कई फैक्ट्रियों में किसी न किसी कारण हादसा हो चुका है। प्रशासन के साथ अग्निशमन विभाग की आंखें नहीं खुल रही हैं। इसी तरह काशीपुर सहित जिले में कई ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। फ्लैक्सी टफ फैक्ट्री में हुए हादसे ने अग्निशमन विभाग की कार्यशैली की असलियत का पता चल गया। इस मामले को विभाग का कोई अफसर सही तरीके से जवाब नहीं दे सका और हीला हवाली का जवाब देकर इतिश्री कर लिए। विभाग की जब यहीं रवैया रहेगा तो फैक्ट्रियों में काम करने वालों की ¨जदगी भगवान भरोसे हैं। यदि फैक्ट्रियों में सुरक्षा के मानकों की जांच कराई जाए तो सच सामने जा जाएगा।