पिता सरहद तो बेटियां दिखा रहीं मैदान में दमखम
जहां एक ओर फौजी सरहद पर दुश्मनों से मोर्चा ले रहा है, वहीं बेटियां मैदान पर अपना बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : जहां एक ओर फौजी सरहद पर दुश्मनों से मोर्चा ले रहा है, वहीं बेटियों ने खेल के मैदान में अपना दमदार प्रदर्शन कर दमखम दिखाया है। बेटियों का कहना है कि वह बेहतर प्रदर्शन कर देश का मान और सम्मान बढ़ाएंगी।
स्पोर्ट्स स्टेडियम में चल रहे उत्तराखंड चतुर्थ राज्य ओलंपिक खेल में देहरादून और हरिद्वार से आई फौजियों की बेटियों ने बॉ¨क्सग में अपना जौहर दिखाया है। उनका लक्ष्य है कि वे अंतरराष्ट्रीय खेल में देश के लिए गोल्ड जरूर लाएंगी। इसके पहले भी नेशनल और कई मैचों में अपना प्रदर्शन कर ब्रांज और सिल्वर पदक पर कब्जा कर चुकी हैं। रविवार को यहां आयोजित खेल में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को एक भी मौका दिए बिना जीत अपने नाम कर ली। इनसेट-
-देहरादून की अर्चना थापा के पिता आर्मी में हैं। पिता ने शुरू से ही बच्चों को देश सेवा और नाम रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया। बीकाम प्रथम वर्ष की छात्रा अर्चना नेशनल और स्टेट लेवल के अलावा जिला स्तर पर कई मेडल जीत चुकी हैं। उनका लक्ष्य है देश के लिए गोल्ड लाना। इस बार राज्य ओलंपिक में बॉ¨क्सग के क्वार्टर फाइनल में देहरादून की खिलाड़ी को मात दी है।
- बागेश्वर की हेमा के पिता आर्मी से रिटायर होने के बाद भी बेटी को देश के लिए कुछ कर दिखाने का जोश भरते रहे। मार्च में उत्तराखंड बा¨क्सग चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीतने के बाद उनके हौसले और बुलंद हो चुके हैं। उन्होंने राज्य ओलंपिक में पिथौरागढ़ को 5-0 से करारी मात देकर सेमीफाइनल में अपनी जगह सुरक्षित कर ली है।
- काशीपुर की कविता अधिकारी स्टेट बॉ¨क्सग चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर चुकी हैं। इनके पिता भी बीएसएफ में कार्यरत हैं। अब तक कविता दो इंडियन कैंप, स्टेट लेवल, रोहतक में बा¨क्सग चैंपियनशिप में खेल कर रजत पदक हासिल कर चुकी हैं। इनका लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड लाना है। राज्य ओलंपिक खेल में देहरादून को 5-6 से मात देकर आज सेमीफाइनल में जौहर दिखाएंगी।