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लॉकडाउन में विद्युत कर से उद्योगों को झटका

लॉकडाउन में ऐसे ही उद्योगों की हालत खस्ता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 08:24 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 08:24 AM (IST)
लॉकडाउन में विद्युत कर से उद्योगों को झटका
लॉकडाउन में विद्युत कर से उद्योगों को झटका

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : लॉकडाउन में ऐसे ही उद्योगों की हालत खस्ता है। बाजार उपलब्ध न होने से उत्पादन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में 10 फीसद विद्युत कर व लाइनलॉस के नाम पर 18 फीसद अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि उद्योगों को आर्थिक रूप से राहत पहुंचाने के लिए 28 फीसद अतिरिक्त चार्ज नहीं लगना चाहिए।

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राज्य बनने के बाद पंतनगर सिडकुल व सितारगंज सिडकुल स्थापित हुए। इनमें ऑटोसेक्टर, फूड प्रॉसेसिग, फार्मास्यूटिकल सहित करीब साढ़े नौ सौ कंपनियां हैं। करीब दो साल से मंदी की मार से ऑटोसेक्टर उबर ही नहीं पाया था कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 24 मार्च को देश में लॉकडाउन कर दिया गया। अब भले ही अनलॉक कर दिया गया हो, पर उत्पाद क्रय को बाजार नहीं है। एक तो माल लाने व ले जाने में काफी दिन लग जाते हैं। इससे ट्रांसपोर्ट महंगा पड़ रहा है। हाल में कई बार डीजल के दाम बढ़ने से भी ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ा है। इसका असर सीधे उत्पादन लागत पर भी पड़ा है। अप्रैल व मई में कंपनियों में उत्पादन न बराबर था। उद्योगों की स्थिति बेहद खराब है।

इसके साथ ही उद्योगों से 10 फीसद विद्युत कर और लाइनलॉस के नाम पर 18 फीसद अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है। यहीं नहीं, पीक ऑवर में बिजली चार्ज करीब दो गुना लिया जाता है। इसका असर उत्पादन लागत पर पड़ता है। उद्यमियों को कहना है कि चीन में बिजली पर सब्सिडी दी जाती है। यहां तो अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा है तो विदेशी उत्पादों की टक्कर कैसे दिया जा सकता है। उद्योगों को उबारने के लिए 28 फीसद अतिरिक्त चार्ज समाप्त को सरकार को समाप्त कर देना चाहिए।

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परिचर्चा

1-विद्युत कर 10 फीसद व लाइनलॉस के नाम पर 18 फीसद लिया जाता है। लॉकडाउन में अतिरिक्त चार्ज उद्योगों पर भारी पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि इसे समाप्त कर देना चाहिए। विदेशी उत्पादों को टक्कर देने के लिए इस तरह के चार्ज को समाप्त किया जाना चाहिए।

- अशोक बंसल, अध्यक्ष, केजीसीसीआइ

2-डीजल के दाम बढ़ने से कंपनी के ट्रांसपोर्टेशन पर अतिरिक्त भार पड़ा है। लॉकडाउन में फिक्स विद्युत रेट से नुकसान हो रहा है। इसलिए फिक्स रेट में सरकार को रियायत देनी चाहिए।

-संदीप उपाध्याय, कैंपस एचआर हेड, युनो मिडा ग्रुप, सिडकुल पंतनगर

3-उद्योगों से बिजली के तीन रेट लिया जाता है। नाइट ऑवर में चार रुपये 60 पैसे, इविनिग पिक ऑवर में छह रुपये नौ पैसे और आर्डिनरी पिक में तीन रुपये 91 पैसे प्रति यूनिट चार्ज लिया जाता है। पीक ऑवर रेट के साथ फिक्स रेट में छूट मिलनी चाहिए।

- अभिषेक कुमार, निदेशक, इडेन मोटर्स लिमिटेड कंपनी, सिडकुल पंतनगर

4-ऑटो सेक्टर में अप्रैल में 10 फीसद, जून में करीब 20 फीसद उत्पादन हुआ। इस माह में करीब 30 से 35 फीसद उत्पादन हो रहा है। बिजली के फिक्स चार्ज में होटल, रेस्टोरेंट को सरकार ने राहत दी है। ऐसे उद्योगों को भी दिया जाए।

-अनूप सिंह, अध्यक्ष, सिडकुल चैप्टर, केजीसीसीआइ


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