रिसोर्स रूम में कैद हो गए दिव्यांगों के सपने
दिव्यांगों के वजूद को तलाश कर उनको बेहतर तालीम और अधिकार मुहैया कराने के मकसद से बैठक हुई लेकिन इस बैठक में कई ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए जिससे प्रशासन भी हैरान रह गया।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : दिव्यांगों के वजूद को तलाश कर उनको बेहतर तालीम और अधिकार मुहैया कराने के मकसद से बैठक हुई, लेकिन इस बैठक में कई ऐसे महत्वपूर्ण बिदू सामने आए जिससे प्रशासन भी हैरान रह गया। बताया गया कि लंबे समय से रिसोर्स रूम बंद पड़े हैं और उनमें दिव्यांगों के सपने कैद होकर रह गए हैं। सिर्फ काशीपुर में एक पुनर्वास केंद्र चल रहा है जिसमें भी कंपनियों की खैरात पर काम चल रहा है। सरकारी योजनाओं से उनको कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम के सामने दिव्यांगों की समस्याएं रखी गईं और उनके निवारण के लिए विचार किया गया। इस दौरान कई मुद्दों पर मुहर भी लगाई गई।
शनिवार को हुई बैठक में राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्य सतीश चौहान ने समस्याएं रखी। इस दौरान उन्होंने बताया कि काशीपुर के दिव्यांगों के साथ तो अहित हो रहा है। वहीं रुद्रपुर के पुनर्वास केंद्र पर ताला जड़ा हुआ है। लंबे समय से यह आलम बना हुआ है। बताया कि बजट का इंतजार हमेशा रहता है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं भी ढंग से मुहैया नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय से दिव्यांगता प्रमाण पत्र नहीं बन सके हैं। अधिकारियों के हस्ताक्षर लेने को भी लंबा इंतजार करना पड़ता है और अधिकारी टालमटोल करते हैं। प्रशासन को अवगत कराया कि दिव्यांग बच्चे अपने मूल अधिकारों से भी वंचित हैं। उनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए उनको सिर्फ अश्वस्त कर दिया जाता है, लेकिन उनको समुचित व्यवस्थाएं नहीं मुहैया हो पाती हैं। बाल संरक्षण आयोग की बैठक में कई अन्य प्रमुख बिदू उठाए गए।
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इन समस्याओं पर विचार
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-दिव्यांग अधिकार अधिनियम का हो रहा उल्लंघन
-विशेष शिक्षा से दिव्यांग छात्र अभी भी वंचित
-प्रमाण पत्र बनाने के लिए अस्पताल और ब्लाक के काटने पड़ते चक्कर
-सरकारी योजनाओं से अछूते रह गए दिव्यांग छात्र-छात्राएं
-बाल श्रम रोकने को जागरूकता शिविर का न लगना
-दिव्यांग बच्चों का कोई भी शिशु सदन न होना
-डीडीआरसी में सही तरीके से कार्यों का न होना
-दिव्यांगजनों पर गैर रजिस्टर्ड संस्थाएं कर रही काम
-2014 से दिव्यांगों के रिसोर्स रूम पर जड़ा है ताला