Move to Jagran APP

जिले भर के गुरुद्वारों में बैसाखी पर सजे दीवान

जागरण संवाददाता रुद्रपुर किच्छा पूरे जिले में स्थित गुरुद्वारों में बैसाखी पर दीवान सजे। इस मौ

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:36 AM (IST)
जिले भर के गुरुद्वारों में  बैसाखी पर सजे दीवान
जिले भर के गुरुद्वारों में बैसाखी पर सजे दीवान

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर, किच्छा: पूरे जिले में स्थित गुरुद्वारों में बैसाखी पर दीवान सजे। इस मौके पर गुरुवाणी का बखान संगत ने किया। रुद्रपुर में आदर्श कालोनी स्थित गुरुद्वारे में हजूरी रागी की संगत ने आए हुए लोगों को गुरु वाणी से निहाल किया। सुबह से दोपहर तक कार्यक्रम अनवरत चलता रहा।

loksabha election banner

खालसा पंथ सृजना दिवस वैशाखी पर्व पर शहर स्थित आदर्श कालोनी में दीवान सजा और इस मौके पर आए हुए श्रद्धालुओं ने जहां लंगर छका। वहीं अमृतसर से आए संगत के हजूरी रागी जगदीप सिंह, शुभदीप सिंह, कुलदीप सिंह, जसपाल सिंह, जत्था शमशेर सिंह ने गुरु की वाणी का बखान किया। उनका कहना था कि गुरु गोविद सिंह जी ने सन 1699 में बैसाखी वाले दिन ही अमृत की पवित्र दात प्रदान कर खालसा पंथ की स्थापना की थी। उस समय देश के लोग अन्याय से भयभीत थे। ऐसे मौके पर गुरु जी ने लोगों को संगठित कर जनता में उत्साह का संचार किया। कार्यक्रम में अखंड पाठ सुबह आठ बजे से दोपहर तक चलता रहा। इस मौके पर हजारों की संख्या में आए हुए गुरु के भक्तों ने लंगर छका और संगत का पाठ सुना। इसमें प्रमुख रूप से गुरुद्वारा प्रधान जगजीत सिंह, सतवीर सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत सिंह, हरविदर कौर, इंदरपाल कौर, महेंद्र कौर, रणवीर कौर, कुलदीप कौर मौजूद रहे। किच्छा में भी सजा दीवान किच्छा : बैसाखी के पावन पर्व पर गुरुद्वारा श्री गुरूनानक दरबार आवास विकास में विशाल दिवान सजाया गया। रागी जत्थों के साथ ही कथा वाचक ने गुरू की महिमा के बखान के साथ ही बैसाखी के महत्व का बखान कर संगत को निहाल किया। बैसाखी का पावन पर्व नगर में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान ब्रिटिश काल में हुए नरसंहार को भी याद कर शहीदों को नमन किया गया। हुजुरी ज्ञानी अंग्रेज सिंह न बैसाखी पर प्रकाष डालते हुए कहा दशम गुरू श्री गुरू गोविद सिंह जी महाराज द्वारा पंज प्यारे एवं सिखों को केस, कंघा, कड़ा, कृपाण व कचेछरा पहनाकर सिख बना खंडे का अमृत पिलाया था। इस दौरान भाई महल सिंह ने गुरू की महिमा का बखान कर संगत को निहाल किया। इस दौरान अवतार सिंह, सतवंत सिंह, रंजीत सिंह राणा, दर्शन सिंह, भगत सिंह, बलिहार सिंह, सतपाल, सुखदेव सिंह, गुरनाम सिंह नागी आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.