दुविधा से मुक्त हो जाता है परमात्मा का भक्त
यदि कोई व्यक्ति परमात्मा से प्रेम करता है तो दुविधाओं से मुक्त हो जाता है चाहे वह किसी भी धर्म से संबंधित क्यों न हो।
संस, बाजपुर : यदि कोई व्यक्ति परमात्मा से प्रेम करता है तो दुविधाओं से मुक्त हो जाता है, चाहे वह किसी भी धर्म से संबंधित क्यों न हो। यह बात गुरुद्वारा साहिब बैंतखेड़ी में बह्मा ज्ञानी बाबा बुड्डा साहिब ग्रंथी सभा के तत्वावधान में आयोजित समागम में गुरुद्वारा मंजी साहिब से आए कथावाचक ज्ञानी जसवंत सिंह ने कही।
उन्होंने कहा वणी का अर्थ सहज व सरल है लेकिन लोग मन मुताबिक अर्थ करने लगे हैं जो गलत है। एकता का पाठ पढ़ाती हुई गुरुवाणी सबको अमृत संदेश देती है कि सच्चे मन से भगवान का भजन करो, संयम से जीवन बिताओ, परिश्रम से सच्ची कमाई करो, झूठ मत बोलो, पराई निदा और क्रोध मत करो। उस ईश्वर को याद करो जो जल व थल में समाहित ा है। सभी जीवों से प्रेम करो, संगत में बैठकर सतगुरु का ध्यान करो। इसीलिए गुरुनानक देव ने संगत की प्रथा चलाई ताकि सभी लोग सामूहिक रूप से प्रभु गायन कर सकें। भाई कुलजीत सिंह, अमरजीत सिंह, तरसेम सिंह व हरप्रीत सिंह के रागी जत्थों द्वारा कीर्तन करते हुए कहा गया कि गुरुग्रंथ साहिब में मानवतावादी विचारों से विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के वैमनस्य को दूर करने का सफल प्रयत्न किया गया है। जिन-जिन महापुरुषों की वाणी संकलित की गई है उन सभी का यही प्रयास रहा है कि वे धार्मिक भेदभावों को दूर कर लोगों में मनुष्यता के प्रति विश्वास जागृत कर सकें।
इसी प्रकार बलविदर सिंह व दलजीत सिंह खालसा के कविशरी जत्थे, भाई निर्मल सिंह अनमोल के ढाडी जत्थे द्वारा गुरुवाणी पर प्रकाश डाला गया। इस मौके पर बाबा प्रताप सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविदर सिंह किदा, रणजीत सिंह, ग्रंथी सभा के अध्यक्ष ज्ञानी भजन सिंह, उपाध्यक्ष अवरिदर सिंह, सचिव चमन सिंह, कुलदीप सिंह, बलविदर सिंह, पूर्व अध्यक्ष ज्ञानी रणधीर सिंह, गुरुद्वारा साहिब के अध्यक्ष जोगिन्दर सिंह, अग्रेज सिंह, गुरविदर सिंह, मंगा सिंह, सेवक सिंह, हरपिदर सिंह, कुलवंत सिंह, महकराज सिंह, जसविदर सिंह जस्सी समेत तमाम श्रद्धालु मौजूद थे।