नियमितीकरण को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे संविदा रोडवेज कर्मी
रुद्रपुर में उत्तराखंड रोडवेज संविदा विशेष श्रेणी कर्मचारी संगठन के आह्वान पर दूसरे दिन शुक्रवार को भी संविदा कर्मचारियों का दो सूत्री मांगों को लेकर धरना जारी रहा।
जागण संवाददाता, रुद्रपुर : उत्तराखंड रोडवेज संविदा विशेष श्रेणी कर्मचारी संगठन के आह्वान पर दूसरे दिन शुक्रवार को भी संविदा कर्मचारियों का दो सूत्री मांगों को लेकर धरना जारी रहा। रोडवेज परिसर में संगठन के पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नियमितीकरण किए जाने की मांग दोहराई। नियमितीकरण न होने की दशा में समान कार्य, समान वेतन की सुविधा संविदा कर्मचारियों को देने की मांग की। इसको लेकर पांच संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए।
विशेष श्रेणी संविदा कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के कारण रोडवेज की अनुबंधित की गई लगभग 70 फीसद से अधिक बसों का संचालन ठप रहा। रोडवेज परिसर में धरने पर बैठे विशेष श्रेणी संविदा कर्मचारी संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि सरकार लगातार गुमराह करने का काम कर रही है। संविदा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मांगों पर कोई सार्थक कदम न उठाए जाने पर आंदोलन की राह पर संविदा कर्मचारी चल पड़े हैं। धरने के दूसरे दिन संविदा रोडवेज विशेष श्रेणी कर्मचारियों ने परिसर में धरना दिया। साथ ही जल्द सभी 250 से अधिक रोडवेज रुद्रपुर व पूरे प्रदेश में लगभग 3500 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की सरकार से मांग की। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर संविदा कर्मचारी हरदेव सिंह, शंकर गहतोड़ी, नंद सिंह, आसिफ हुसैन, कमलेश विश्वास, उमेश कुमार बैठे। क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो आंदोलन का दूसरा रास्ता अपनाया जाएगा। धरने में प्रमुख रूप से शाखा अध्यक्ष पवन कुमार, प्रांतीय अध्यक्ष महेशचंद्र पांडेय, शाखा मंत्री शंकर गहतोड़ी मौजूद थे।
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दिल्ली, हरियाणा सहित देहरादून के लिए बसों का संचालन ठप
संविदा विशेष रोडवेज कर्मचारी संगठन की तरफ से कार्य बहिष्कार व धरने के दौरान 70 फीसद से अधिक अनुबंधित बसों का संचालन दिल्ली, हरियाणा, बरेली, लखनऊ व देहरादून रूट पर ठप रहा। रोडवेज डिपो में करीब 93 बसें अनुबंधित हैं जिनका संचालन संविदा कर्मचारी जिसमें चालक, परिचालक व तकनीकी कर्मचारी करते हैं। रोडवेज की अपनी बसें ही इन रूटों पर चलाई जा सकीं।