मतदान के बाद लगने लगे हार-जीत के कयास
संवाद सहयोगी बाजपुर नगरपालिका चुनाव को लेकर सोमवार को हुए मतदान के बाद अब चुनाव परिण्
संवाद सहयोगी, बाजपुर : नगरपालिका चुनाव को लेकर सोमवार को हुए मतदान के बाद अब चुनाव परिणाम को लेकर प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गई हैं। कई प्रत्याशी अब प्रत्येक वार्ड से मिले मतों का गुणा-भाग करने में जुट गए हैं। पालिकाध्यक्ष पद पर पूर्व पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह गित्ते व उनके समर्थक जनता के रुझान को अपने पक्ष में बताते हुए जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं, वहीं भाजपा प्रत्याशी राजकुमार व उनके समर्थकों का मानना है कि दो-दो मंत्रियों व कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल भाजपा को जरूर मिलेगा।
सोमवार को प्रात: आठ बजे से मतदान शुरू होते ही कांग्रेस प्रत्याशी गुरजीत सिंह गित्ते प्रत्येक बूथ पर अपने एक सहयोगी के साथ नजर आए। वहीं भाजपा प्रत्याशी राजकुमार, आजाद उम्मीदवार महिपाल सिंह यादव, अरविद यादव भी बूथों पर जानकारी लेते देखे गए। बताते चलें कि प्रथम राउंड में 15.45 प्रतिशत, दूसरे में 32.50 प्रतिशत मतदान होने के उपरांत यह अंदाजा लगा लिया गया था कि मतदान लगभग 80 प्रतिशत तक जा सकता है। अधिक मतदान को भाजपा के लोग अपने पक्ष में मानकर चल रहे थे, तो वहीं कांग्रेस का मानना है कि अधिक मतदान उनके लिए फायदेमंद साबित होगा। इतना ही नहीं मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए दोनों ही दलों के लोग मतदाताओं को घरों से बाहर निकलने का अनुरोध करते देखे गए।
बताते चलें कि नगर निकाय चुनाव में जहां भाजपा के दो-दो मंत्रियों द्वारा पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया गया। जिसकी बानगी कुछ जगह देखने को भी मिली, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं का भी खासा प्रभाव रहा और इसी बात को ध्यान में रखकर बाजार में कांग्रेस व भाजपा के बीच में जीत-हार के अंतर को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और समर्थकों द्वारा अपने-अपने पक्ष के प्रत्याशी की जीत के दावे किए जा रहे हैं।
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न्यायालय के हस्तक्षेप से 15 जून को बजा था चुनावी बिगुल
बाजपुर: उत्तराखंड में वर्ष 2018 में प्रदेश के 84 निकायों में चुनाव संपन्न हो गए थे, लेकिन बाजपुर व श्रीनगर में तकनीकी दिक्कतों के कारण चुनाव नहीं हो पाए थे। इस मामले में उच्च न्यायालय से निर्देश जारी होने के पश्चात इन दोनों नगरपालिकाओं (बाजपुर-श्रीनगर) में 15 जून को चुनावी घोषणा का बिगुल बजा। जिसमें 18 से 23 जून तक नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण कर प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न इत्यादि का आवंटन कर दिया गया था।