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9वीं शताब्दी शिव मंदिर के हो सकते हैं अवशेष

दाबका नदी क्षेत्र में अवैध खनन के दौरान निकले दिव्य व भव्य मूर्तियों के अवशेष नौवीं शताब्दी के हो सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 05:08 AM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 05:08 AM (IST)
9वीं शताब्दी शिव मंदिर के हो सकते हैं अवशेष
9वीं शताब्दी शिव मंदिर के हो सकते हैं अवशेष

संवाद सहयोगी, बाजपुर : दाबका नदी क्षेत्र में अवैध खनन के दौरान निकले दिव्य व भव्य मूर्तियों के अवशेष व स्तंभ नौवीं शताब्दी निर्मित शिव मंदिर के हो सकते हैं। अल्मोड़ा से पहुंची क्षेत्रीय पुरातत्व विभाग की टीम ने गहन निरीक्षण कर यह आकलन किया है। टीम अपनी रिपोर्ट आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ) को भेजेगी।

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प्रदेश की संस्कृति विभाग से जुड़े क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र ¨सह चौहान अपनी टीम के साथ बाजपुर पहुंचे। एसडीएम विवेक प्रकाश के साथ उनकी टीम बन्नाखेड़ा पुलिस चौकी गई। वहां पुलिस सुरक्षा में रखी मूर्तियों, स्तंभों, पिलर के अवशेषों आदि का गहन अध्ययन कर उनकी लंबाई-चौड़ाई आदि की माप ली गई। इसके बाद टीम मूर्ति निकलने वाले स्थल पर पहुंची और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से उत्खनन करवाया गया। इस दौरान दो से ढाई फीट लंबे पिलरनुमा दो टुकड़े निकले। संबंधित रिपोर्ट तैयार कर टीम ने इसे भारतीय सर्वेक्षण विभाग के देहरादून स्थित कार्यालय को भेजने की बात कही है। वहीं पत्रकारों से रूबरू हुए डॉ. चंद्र ¨सह चौहान ने कहा कि ग्रीन ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरी गई शिल्पकला कत्यूरकालीन शासनकाल की है। उनके मुताबिक स्तंभ आदि से प्रतीत हो रहा है कि ये किसी विशाल मंदिर के होंगे। किस देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं अभी यह कह पाना संभव नहीं है। लेकिन मूर्तियों के अवशेष नौवीं शताब्दी के शिव मंदिर के प्रतीत हो रहे हैं। अभी इसमें और अध्ययन की जरूरत है, तभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। इस मौके पर पुरातत्व विभाग के भवान ¨सह आदि मौजूद थे।


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