380 करोड़ के ई-वे बिल का चल रहा था कागजों में खेल
जागरण संवाददाता काशीपुर इनपुट क्रेडिट टैक्स का फर्जी तरीके से फायदा लेने के लिए तीन
जागरण संवाददाता, काशीपुर : इनपुट क्रेडिट टैक्स का फर्जी तरीके से फायदा लेने के लिए तीन कंपनियां कागजों में ही चल रही थीं। 380 करोड़ रुपये के ई-वे बिल बनाकर क्लेम लेने के लिए तीन कंपनियों ने कागजों में ही खेल खेला था। इस खेल को पकड़ने के लिए राज्य कर विभाग की तीन टीमों ने अलग-अलग छापामारी की, लेकिन दिए गए पते पर कोई भी कंपनी नहीं मिली। अभी मामले में जांच की जा रही है।
राज्य कर विभाग को 380 करोड़ रुपये के ई-वे बिल बनाकर फर्जी तरीके से तीन कंपनियों द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट लिए जाने की जानकारी मिल रही थी। इस पर बुधवार को ज्वाइंट कमिश्नर पान सिंह डूंगरियाल व डिप्टी कमिश्नर एपी सिंह के निर्देशन में नौ सदस्यों की तीन टीमों ने महुआखेड़ागंज स्थित तीन कंपनियों पर छापामारी की। छापामारी के दौरान कागजों में रजिस्टर्ड कंपनी रवि इंटर प्राइजेज, नीलम ओवरसीज व गंगा इंपेक्ट मौके पर नहीं मिलीं। फर्मो द्वारा 380 करोड़ रुपये के ई-वे बिल तैयार कर कागजों में ही फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा रहा था। कागजों में दिए गए कंपनियों के पते पर न तो कंपनियां ही मिलीं और न ही कोई स्टॉक मिला। कंपनियों द्वारा आपस में ही कागजों में माल का आदान-प्रदान किया जा रहा था। हालांकि राज्य कर विभाग की टीम कंपनियों के बारे में और गहनता से जांच करने में जुटी है।
इस मौके पर असिस्टेंट कमिश्नर बीएस नगन्याल, असिस्टेंट कमिश्नर एसटीएफ पूजा पांडेय, कविता पाठक, हेमलता शुक्ला, संतोष कुमार, राज्य कर अधिकारी अनिल चौहान, नवीन चंद्र पांडेय आदि थे।
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::::::::वर्जन-
फर्मों द्वारा कागजों में ही 380 करोड़ रुपये के ई-वे बिल बनाकर माल का एक-दूसरे के लिए आदान-प्रदान किया जा रहा है। विभाग की तीन टीमों ने छापामारी की, लेकिन मौके पर न तो कंपनी मिली है और न ही माल मिला है। कंपनियों द्वारा फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लिए जाने के लिए यह सब किया जा रहा है। मामले की जांच की जा रही है।
-आरएल वर्मा, डिप्टी कमिश्नर, राज्य कर विभाग