तीस साल पुरानी लाइन से कैसे बुझे प्यास
संवाद सूत्र, लंबगांव: प्रतापनगर का प्रमुख बाजार व यात्रा मार्ग का पड़ाव लंबगांव बाजार को वर्षों बाद
संवाद सूत्र, लंबगांव: प्रतापनगर का प्रमुख बाजार व यात्रा मार्ग का पड़ाव लंबगांव बाजार को वर्षों बाद भी पानी के संकट से निजात नहीं मिल सकी है। यहां 30 साल से भी अधिक पुरानी लाइन पर छह हजार की आबादी निर्भर है। गर्मियों में यह लाइन भी जवाब दे जाती है, जिसके बाद लोगों को पानी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ती है। बाजार को आज तक भी अन्य पं¨पग लाइन से नहीं जोड़ा गया है। जबकि बाजारवासी वर्षों से इसकी मांग करते आ रहे हैं।
लंबगांव बाजार में वर्ष 1985 में पेयजल लाइन बिछाई गई थी तब से न तो इस लाइन की मरम्मत हो पाई और न ही बाजार के लिए कोई अन्य लाइन बिछाई गई है, जिस कारण वर्षो बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। वर्तमान में लंबगांव में लगभग 6 हजार की आबादी निवास करती है, लेकिन लंबगांव बाजार क्षेत्र का केंद्र बिंदू होने के कारण यहां हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना होता है, जिससे यहां 30 साल पुरानी पेयजल लाइन से पानी की पूर्ति नहीं हो पाती है। वर्तमान में लंबगांव में दो पेयजल टैंक बने हैं, जिनकी क्षमता लगभग एक लाख लीटर की है। पेयजल लाइन हुल्डियाण गदेरे से लंबगांव के लिए पेयजल की आपूर्ति की जाती है। हर साल इस पेयजल योजना पर दैवीय आपदा मद से लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन आज तक लंबगांव बाजार के लिए स्थायी तौर पर पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। सबसे ज्यादा दिक्कत तो गर्मियों के सीजन में होती है, जब यहां लोगों को प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। अवर अभियंता आरके पोखरियाल ने कहा कि वर्तमान में एक लाख लीटर क्षमता के दो टैंकों से लंबगांव में पेयजल आपूर्ति की जाती है। जल निगम की ओर से निर्माणाधीन प्रतापनगर पं¨पग योजना से लंबगांव बाजार को भी लाभान्वित किया जाना है, जिसके बाद यहां की पेयजल आपूर्ति सुचारू हो पाएगी।