भगवान बदरी विशाल के अभिषेक को पिरोया गया तिल का तेल
चारधामों में एक भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए नरेंद्रनगर राजमहल में तेल पिरायी की रस्म अदा की गई।
संवाद सूत्र, नरेंद्रनगर: चारधामों में एक भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए नरेंद्रनगर राजमहल में महारानी राज्यलक्ष्मी शाह की उपस्थिति में सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारणकर मूसल-ओखली और सिलबट्टे से तिल का तेल पिरोया। भगवान बदरी विशाल की मूर्ति के अभिषेक के लिए छह माह तक प्रयोग होने वाला यह तिल का तेल पिरोने के बाद गाड़ू घड़ा तेल कलश में मंत्रोच्चारण के साथ भरा गया।
18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते लागू गाइडलाइन के तहत सादगी से कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुवार को नरेंद्रनगर राजमहल में सुबह श्री बदरीनाथ डिमरी (सरोला) धार्मिक केंद्रीय पंचायत डिम्मर के पदाधिकारियों और महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की उपस्थिति में राज पुरोहित संपूर्णानंद जोशी और पंडित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर तेल पिरोना शुरू किया। कोरोना को देखते हुए रस्म सादगी से पूरी की गई। व्रत धारण किए नगर की सुहागिनों ने मूसल और सिलबट्टे से तिल का तेल पिरोया। तेल पिरोने के बाद राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी की अगुआई में तिलों के तेल को शुद्ध बर्तन में विशेष जड़ी-बूटी डालकर आंच में पकाया गया। डिम्मर समुदाय के सरोला ब्राह्मणों की ओर से तैयार किया गया भोग तेल कलश पर चढ़ाने और पूजा के बाद महारानी राज्यलक्ष्मी शाह को प्रसाद स्वरूप खिलाकर उनका व्रत खोला गया और तेल पिरोने आई सुहागिन महिलाओं व बालाओं को प्रसाद स्वरूप भोग दिया गया। इसके बाद तेल गाडू घड़े को डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि पंकज डिमरी, नरेश डिमरी, दिनेश डिमरी, ज्योतिष डिमरी, अंकित और अरविद डिमरी को सौंपा गया। इसके बाद यह सभी लोग गाडू घड़ा लेकर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो गए।